राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गुरुवार को कट्टर इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ अपने पहले मेगा ऑपरेशन में गिरफ्तार किए गए आरोपियों के रिमांड की मांग की. NIA ने शुक्रवार को दावा किया कि PFI के पदाधिकारी, सदस्य और कार्यकर्ता मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बना कर इस्लामिक स्टेट (ISIS) जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों में भर्ती कराने में शामिल थे.
NIA का दावा है कि PFI देश में आतंकवादी गतिविधियों का कथित रूप से समर्थन देती है. यह संगठन मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर इस्लामिक स्टेट (ISIS) जैसे प्रतिबंधित संगठनों में भर्ती करती है. इसी आधार पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बीते गुरूवार को देशभर में पीएफआई के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई की और 15 राज्यों में एक साथ छापे में कट्टरपंथी इस्लामी संगठन के लगभग 106 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था.
NIA ने केरल स्थित कोच्चि की विशेष अदालत में PFI पर छापेमारी और गिरफ्तारियों संबंधित अपनी रिपोर्ट में यह भी दावा किया कि आरोपियों ने धार्मिक दुश्मनी पैदा करने वाली गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने की साजिश रची. एजेंसी ने कहा कि संगठन कथित तौर पर भारत के खिलाफ असंतोष पैदा कर रहा है और एक वैकल्पिक गैरकानूनी न्याय वितरण प्रणाली का प्रचार कर रहा है.
एनआईए के मुताबिक, यह संगठन आर्थिक-सामाजिक तौर पर कमजोर मुस्लिम युवाओं को लश्कर-ए-तैयबा, आईएसआईएस और अल-कायदा जैसे कट्टर इस्लामिक आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करता है. एनआईए की रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएफआई ने हिंसक जिहाद के हिस्से के रूप में आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देकर भारत में इस्लामी शासन स्थापित करने की साजिश रची है.