
Desk: पीएम मोदी नें आज भारत में 48 साल बाद आयोजित हुए वर्ल्ड समिट का शुभारंभ किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेयरी सेक्टर पर अपना सम्बोधन देते हुए दुग्ध क्रांति को भारत की संस्कृति का हिस्सा बताया. पीएम नें इस अवसर पर दुग्ध उत्पादों को लेकर कई बातें कहीं. पीएम नें कहा कि वर्ल्ड डेयरी समिट का शुभारंभ हो रहा है. डेयरी सेक्टर से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. डेयरी समिट में कई देशों के किसान आए हुए हैं. दूध से जुड़ा व्यापार संस्कृति का हिस्सा होगा. इस सेक्टर से 8 करोड़ से ज्यादा परिवार जुड़े हुए हैं. डेयरी से करोड़ों लोगों का जीवन चलता है. किसानों को डेयरी सेक्टर से मदद मिलती है. 75 लाख किसान समिट से जुड़े हैं. डेयरी से करोड़ों लोगों का जीवन चलता है.
पीएम मोदी ने कार्यक्रम में उपस्थित डेलीगेट्स को सम्बोधित करते हुए बताया की विश्व भर में 4% की दर से दुग्ध सेक्टर में बढ़ोतरी है जबकि भारत में मिल्क प्रोडक्शन 6% की दर से बढ़ रहा है, जिससे करोड़ो देशवासियों व किसानों को मदद मिल रही है. पीएम ने पशुओं (गायों ) में तेजी से फ़ैल रहे लम्पी वायरस के इलाज के लिए भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा वैक्सीन तैयार किये जाने की बात कही. जिससे जल्द से जल्द इस बीमारी से निजात मिल सके.
पीएम ने भारत के वैज्ञानिको की सराहना करते हुए बताया की कैसे हमारे वैज्ञानिक पशुओं के गोबर से बॉयोफ्यूल गैस बनाने का प्रयत्न कर रहे है जिससे प्रदुषण को भी नियंत्रित किया जा सके. पीएम ने भारतीय नस्ल के कई पशुओं (भैंस ) की प्रजाति का नाम बताते हुए उनकी की विशेषता बताते हुए कहा की क्लाइमेट चेंज जैसी परिस्थितियों में ये पशु (भैस) स्वयं को ढाल लेते है.