पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा के चूक के मामले में केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने पीएम की सुरक्षा में हुई थी की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में स्वतंत्र जांच समिति का गठन किया। सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया कि समिति में चंडीगढ़ के डीजीपी आईजी राष्ट्रीय जांच एजेंसी पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल पंजाब के डीजीपी सुरक्षा को शामिल करेगा।
मामले की सुनवाई की शुरुआत में मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन ने कहा कि आज सुबह 10 बजे में प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा से जुड़े दस्तावेज मिले। वहीं केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पूरी तरह से इंटेलिजेंस फेलियर है। पीएम मोदी की सड़क यात्रा की जानकारी पंजाब सरकार के पास पहले से थी। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि पूरे प्रोसेस के पालन में गड़बड़ी हुई है इस पर कोई विवाद नहीं होइससे इनकार नहीं किया जा सकता कि सुरक्षा में चूक और लापरवाही हुई है। ब्लू बुक में लिखा है सुरक्षा इंतजाम राज्य पुलिस महानिदेशक की देखरेख में स्थानीय पुलिस करती है।
पंजाब सरकार की तरफ से वकील पटवालिया ने सुनवाई के दौरान कहा कि कोर्ट इस मामले में अगर चाहे तो जांच कमेटी का गठन कर दें, हम उस कमेटी का हर तरह से सहयोग करेंगे लेकिन हमारी सरकार और हमारे अधिकारियों पर अभी आरोप में लगाए जाएं। पंजाब सरकार ने कहा कि केंद्र सरकार इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं करेगी। केंद्र सरकार की जांच समिति के ऊपर हमको भरोसा नहीं है कृपया एक स्वतंत्र समिति नियुक्त करें।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई के दौरान कहा कि पीएम का काफिला प्रदर्शनकारियों से 100 मीटर की दूरी पर पहुंच गया था। जो नोटिस चीफ सेक्रेट्री और डीजीपी को जारी हुआ उसका कानूनी आधार है। सड़क के बारे में सही जानकारी देना डीजीपी का काम था। सड़क पर ब्लॉक हो, तो भी एक रास्ता खुला रखना प्रशासन का काम था। पीएम के काफिले को प्रदर्शनकारियों की जानकारी नहीं थी। गंभीर बात यह है कि राज्य सरकार दोनों का बचाव कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि आपके कारण नोटिस पूरी तरह स्वयं विरोधाभासी है, समिति गठित करके आप यह पूछताछ करना चाहते हैं कि क्या एसपीजी अधिनियम का उल्लंघन हुआ है और अगर ऐसा हुआ तो आप DG और CS को दोषी ठहराएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार केपंजाब सरकार के अधिकारियों भेजे गए शो कॉज पर सवाल उठाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा लगता है कि आपने तय कर लिया है कि आपको क्या करना है, फिर आपको कोर्ट आने की जरूरत क्या थी। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि कोर्ट हम नहीं आये हैं, याचिकाकर्ता आये हैं। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अगर आप अनुशानात्मक कार्रवाई करना चाहते हैं तो कोर्ट की तरफ से जांच कमिटी बनाने का क्या औचित्य होगा? कमिटी क्या काम करेगी? सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कोर्ट हमारी रिपोर्ट की समीक्षा करे। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने कहा कि फिर तो पंजाब की कमिटी को भी काम करने देते हैं?
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पंजाब कमिटी में दिक्कतें हैं। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हमने पीएम की सुरक्षा से जुड़े इस मसले को गंभीरता से लिया है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह पीएम की सुरक्षा से जुड़ा मामला है केंद की एजेंसी को जांच करने दें। इसपर मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने कहा आप ऐसा ना पेश करें कि हम पीएम की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है।