सियासत : मायावती ने दिया इमरान मसूद को आशीर्वाद, 24 के चुनाव में होंगे बसपा के उमीदवार ?

उत्तर प्रदेश की राजनीति में आज की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है। सहारनपुर जिले के कद्दावर नेता और पूर्व विधायक इमरान मसूद ने एक बार फिर पाला बदल लिया है। इस बार वो साइकिल की सवारी छोड़कर का साथ छोड़ हाथी पर सवार हो गए। प्रदेश कार्यालय में बसपा प्रमुख मायावती ने इमरान मसूद को पार्टी में ज्वाइन कराया। यूपी की राजनीति का बड़ा मुस्लिम चेहरा हैं इमरान मसूद। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सीटों पर उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है।

इमरान मसूद के बसपा ज्वाइन होने पर बसपा मुखिया मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा कि उत्तर प्रदेश व ख़ासकर पश्चिमी यूपी की राजनीति में इमरान मसूद एक जाना-पहचाना नाम है, जिन्होंने आज अपने करीबी सहयोगियों के साथ मुझसे मुलाकात की और वे समाजवादी पार्टी छोड़कर, अच्छी नीयत व पूरी दमदारी से काम करने के वादे के साथ, बीएसपी में शामिल हो गए, जिसका तहेदिल से स्वागत।

साथ उन्होंने आगे कहा कि आजमगढ़़ लोकसभा उपचुनाव के बाद व अब स्थानीय निकाय चुनाव से पहले मसूद व अन्य लोगों का बीएसपी में शामिल होना यूपी की राजनीति के लिए इस मायने में शुभ संकेत है कि मुस्लिम समाज को भी यकीन है कि भाजपा की द्वेषपूर्ण व क्रूर राजनीति से मुक्ति के लिए सपा नहीं बल्कि बीएसपी ही जरूरी। बीएसपी ने पार्टी संगठन तथा अपनी सभी सरकारों में भी गरीबों, महिलाओं व अन्य उपेक्षितों आदि के हित एवं कल्याण को सर्वोपरि रखते हुए अपने कार्यों से यह साबित किया है कि सर्वसमाज का हित, रोजी-रोजगार, सुरक्षा व धार्मिक स्वतंत्रता आदि बीएसपी में ही संभव, जिसपर विश्वास समय की माँग।

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पश्चिमी यूपी बीएसपी के संयोजक बने इमरान मसूद

मायावती ने इमरान मसूद को एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए लिखा कि पार्टी में काम करने के इनके जबर्दस्त जोश व उत्साह को देखकर आज ही उन्हें पश्चिमी यूपी बीएसपी का संयोजक बनाकर वहाँ पार्टी को हर स्तर पर मज़बूत बनाने व ख़ासकर अक़लीयत समाज को पार्टी से जोड़ने की भी विशेष ज़ि़म्मेदारी सौंपी गई।

बसपा ज्वाइन करने के बाद क्या बोले इमरान मसूद ?

बसपा सुप्रीमो मायावती के सामने बसपा ज्वाइन करने के बाद इमरान मसूद ने मिडिया से कहा कि हम एक खास मकसद के तहत मायावती से मुलाकात कर बसपा ज्वाइन किए हैं। जितने वोट मुसलमानों ने अखिलेश यादव को दिया अगर मायावती को देते तो शायद बहन जी मुख्यमंत्री होती। अखिलेश यादव ने जो भी वादे किए थे उनको पूरा नहीं किया। बहन जी के साथ मान्यवर कांशीराम जी के मिशन को आगे बढ़ाएंगे।

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