Prayagraj Sangam: जोरों पर माघ मेले की तैयारियां, शुरू हुआ भूमि का आवंटन

संगम तट पर 54 दिनों तक चलने वाले आस्था के सबसे बड़े माघ मेले में देशभर के साधु संत और कल्पवासियों का जमावड़ा होता है।

संगम की रेती पर लगने वाले दुनियां के सबसे बड़े माघ मेले की तैयारियां जोरों पर है। 14 जनवरी 2024 को माघ मेले का पहला स्नान पर्व है। ऐसे में मेला क्षेत्र में साधु संतों के शिविर के लिए भूमि का आवंटन भी आज से शुरू हो गया है। परंपरा के अनुसार सबसे पहले दंडी स्वामी संन्यासियों के शिविर के लिए आज भूमि का आवंटन किया गया है।

भूमि आवंटन से पहले मेला प्राधिकरण के अधिकारियों और दंडी स्वामी संन्यासियों की मौजूदगी में बकायदा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गंगा पूजन किया गया। गंगा पूजन के बाद भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू हुई। करीब सत्तर बीघे में दंडी स्वामी संन्यासियों को मेला क्षेत्र में बसाया जाएगा। इसके लिए जमीनों के समतलीकरण का कार्य भी तेजी से चल रहा है।

हालांकि मेला प्रशासन की तैयारियों पर दंडी संन्यासियों ने नाराजगी भी जाहिर की। दंडी संन्यासियों के मुताबिक जिस तरह से मेला को बसाने के लिए कार्य में तेजी होनी चाहिए वह अभी फिलहाल दिखाई नहीं दे रहा है। पिछले सालों की तुलना में तैयारियां पिछड़ी हुई हैं।

संगम तट पर 54 दिनों तक चलने वाले आस्था के सबसे बड़े माघ मेले में देशभर के साधु संत और कल्पवासियों का जमावड़ा होता है। माघ मेले की शुरुआत 14/15 जनवरी मकर संक्रांति स्नान पर्व से शुरू होगा जो महाशिवरात्रि पर्व तक चलेगा। परंपरागत रूप से मेले में साधु संतों के शिविर के लिए मेला प्रशासन भूमि उपलब्ध कराता है।

इसी कड़ी में गुरुवार को सबसे पहले दंडी संन्यासियों को भूमि आवंटित की गई। भूमि आवंटन के साथ ही आज से दंडी संन्यासियों के शिविर निर्माण का कार्य भी शुरू हो जाएगा। मेला प्रभारी अधिकारी दयानंद प्रसाद ने बताया कि माघ मेले की तैयारियां तेज कर दी गई हैं। आज परंपरा के अनुसार सबसे पहले डंडी स्वामी संन्यासियों को भूमि आवंटित की गई है। इसके बाद खाक चौक समेत अन्य को भूमि आवंटित किया जाएगा। मेला क्षेत्र में दो पांटून पुल के निर्माण लगभग हो चुके हैं। तीन अन्य का निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहा है। मेला क्षेत्र में लाइटिंग, शौचालय, पानी समेत अन्य सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए कार्य चल रहा है। जैसे जैसे संत महात्माओं के शिविर का निर्माण होता जाएगा, वैसे वैसे वहां पर मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध होती जाएंगी।

रिपोर्ट- धीरेन्द्र द्विवेदी

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