देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में चीफ जस्टिस एन.वी.रमण ने द्रौपदी मुर्मू को शपथ दिलाई. राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेनी वाली मुर्मू देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं. जबकि भारत की वे दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं. इसके साथ वे स्वतंत्र भारत में जन्मीं पहली राष्ट्रपति भी हैं.
संसद के सेंट्रल हॉल से ईश्वर की शपथ लेते हुए द्रौपदी मुर्मू ने कहा,” आजादी के 75वें वर्ष मुझे दायित्व मिला. ये दायित्व मिलना मेरे लिए सौभाग्य है. सभी के प्रयास से हम उज्ज्वल भारत का निर्माण करेंगे. इस अहम कालखंड में मुझे राष्ट्रपति चुना गया है. मैं कारगिल विजय दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं देती हूं.”
मेरे लिए प्रारंभिक शिक्षा सपने जैसी थी. मैं स्कूल जाने वाली गांव की पहली बेटी थी. इसके बाद अपने गांव में स्नातक करने वाली पहली महिला थी. मेरा राष्ट्रपति बनना गरीब की बड़ी उपलब्धि है. भारत में गरीब के सपने पूरे होते हैं. मैं पार्षद से लेकर राष्ट्रपति तक बनीं हूं. लोकतंत्र की शक्ति ने मुझे यहां पहुंचाया है. देशवासियों का हित मेरे लिए सर्वोपरि होगा.
इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मंत्रिपरिषद के सदस्य, कई राज्यों के मुख्यमंत्री,राज्यपाल, राजनयिक मिशनों के प्रमुख, संसद सदस्य और सरकार के प्रमुख असैन्य एवं सैन्य अधिकारी उपस्थित रहे.