
पिछले कुछ हफ्तों से हिंदी और साउथ की फिल्मों को लेकर बहस छिड़ी हुई है। यह बहस विशेष रूप से अजय देवगन और किच्चा सुदीप के शब्दों के युद्ध से शुरू हुई थी, बता दे कि केजीएफ चेप्टर 2 की बॉक्स ऑफिस पर सफलता के बाद किच्चा सुदीप ने एक इंवेट के दौरान कहा था कि पैन इंडिया फिल्म कन्नड़ में बनाई गई थी। हिंदी अब राष्ट्रीय भाषा नहीं है। वे (बॉलीवुड) आज पैन इंडिया फिल्में कर रहे हैं। “वे तेलुगु और तमिल में डबिंग करके (सफलता पाने के लिए) संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
जिसके बाद किच्चा सुदीप को हिंदी भाषा के महत्व को कम करने के लिए अजय देवगन ने फटकार लगाई थी। अजय ने ट्विटर पर लिखा था, “@KicchaSudeep मेरे भाई, आपके अनुसार अगर हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं है तो आप अपनी मातृभाषा की फ़िल्मों को हिंदी में डब करके क्यूँ रिलीज़ करते हैं? हिंदी हमारी मातृभाषा और राष्ट्रीय भाषा थी, है और हमेशा रहेगी। जन गण मन।“
वहीं अब अभिनेत्री रवीना टंडन, जिन्होंने हिंदी फिल्मों में काम किया है और केजीएफ में भी अभिनय किया है, ने सबसे पहले स्पष्ट किया कि दोनों इंडस्ट्री के बीच कोई तुलना नहीं की जानी चाहिए। रवीना ने यह भी कहा कि कोई प्रतिस्पर्धा नहीं होनी चाहिए और हमें उन्हें भारतीय फिल्मों के रूप में स्वीकार करना चाहिए और भाषा के आधार पर विभाजित नहीं करना चाहिए।
