आरक्षण पर बदले RSS प्रमुख मोहन भागवत के सुर ! 24 में BJP के लिए खिलाएगा कौन सा गुल…?

गौरतलब है कि RSS प्रमुख भागवत के तरफ से ये बयान तब दिया गया है जब बीजेपी और कांग्रेस के बीच इस मुद्दे को लेकर जंग छिड़ा हुआ है।

लोकसभा चुनाव की रैलियों में जहां एक तरफ विपक्ष के नेता बार-बार कह रहे हैं कि भाजपा देश के संविधान को बदल कर देश के दलितों, पिछड़ों एवं आदिवासियों का आरक्षण छीनना चाहती है। तो वहीं इन सबके बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत का एक बयान चर्चाओं का विषय बना हुआ है। जिसमें वो कहते नजर आ रहे हैं कि संघ परिवार ने कुछ समूहों को आरक्षण देने का कभी विरोध नहीं किया है।

दरअसल, रविवार यानी 28 अप्रैल को हैदराबाद के एक शिक्षण संस्थान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मोहन भागवत ने आरछण को लेकर एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि, “आजकल एक वीडियो प्रसारित किया जा रहा है। जिसके तहत बोला जा रहा है कि RSS आरक्षण के खिलाफ है। मगर मै आप सभी को बता दूँ कि यह पूरी तरह से झूठ है। हमारा संघ शुरू से ही संविधान के अनुसार सभी आरक्षणों का समर्थन करता आया है।”

गौरतलब है कि RSS प्रमुख भागवत के तरफ से ये बयान तब दिया गया है जब बीजेपी और कांग्रेस के बीच इस मुद्दे को लेकर जंग छिड़ा हुआ है। अब जब RSS के प्रमुख के तरफ से ऐसा ब्यान आया है तो विपक्ष कैसे इसे खाली हाथ जाने दो। विपक्षी पार्टी आप के सांसद संजय सिंह ने इस मामले पर एक वीडियो जारी करते हुए बयान दिया है। जिसमें उन्होंने इस मामले पर BJP और RSS दोनों को आड़े हाथ लिया है।

AAP सांसद संजय सिंह ने साधा निशाना

आप सांसद संजय सिंह ने एक वीडियो बयान जारी करते हुए कहा है की, “चार सौ सीट इसलिए मांग रही है बीजेपी क्योंकि संविधान को बदलना चाहते हैं। आरक्षण समाप्त करना चाहते हैं। चुनाव खत्म करना चाहती है बीजेपी। जबकि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने साफ कह दिया है की संघ संविधान सम्मत आरक्षण का समर्थन करता है।”

आरक्षण: भाजपा – RSS लिए ही दो-धारी तलवार

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि आरक्षण का मुद्दा भाजपा और RSS दोनों के लिए ही दो-धारी तलवार के तरह है। हालिया के चुनाव में भाजपा कई राज्यों में ज्यादातर OBC के दम पर सरकार बना रही है, इसलिए आरक्षण के विरोध में कुछ बोलना मतलब अपना ही नुकसान करा लेना। वहीं अगर OBC आरक्षण के कोटे के भीतर ही सरकार छेड़छाड़ करती है तो OBC की बड़ी जातियां उसके हाथ से छिटक सकती हैं और अगर जातिगत जनगणना हुई और OBC की जनसंख्या बढ़ गई तो कोटा बढ़ाने की मांग भी उठने लगेगी। ऐसे में भाजपा चौतरफा फंसा नजर आ रहा है। मगर अब जिस तरह से मोहन भागवत ने RSS के समर्थन का रुख लिया है वो भाजपा के लिए एक बढ़िया प्रयास साबित हो सकता है। अब उनका ये प्रयास इस चुनाव में क्या नया गुल खिलाएगा ये देखना काफी दिलचस्प होगा।

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