सावन का छठा सोमवार, मिनी काशी में भक्तों की लंबी कतार

वैसे भी वे भोले भण्डारी हैं, केवल जल चढ़ाने भर से प्रसन्न हो जाते हैं। कुछ ऐसा ही नजारा है काशी से कानपुर तक दिख रहा है।

आज सावन का छठा सोमवार है, सावन के महीने में सोमवार का विशेष महत्व होता है। यही वजह है कि ‘‘ मिनी काशी’’ कहे जाने वाले कानपुर के परमट तट पर हजारों की संख्या में भक्त रोज दर्शन करने आते बात करी जाए सावन की तो सावन में इस मंदिर में लाखों श्रद्धालू अपनी अपनी मनोकामना लेकर आते है। बड़ी संख्या में भक्तो के यहां पहुॅचने के कारण पुलिस ने मंदिर परिसर में सुरक्षा के चाक चौबन्द इन्तजाम किये हैं।

वैसे भी वे भोले भण्डारी हैं, केवल जल चढ़ाने भर से प्रसन्न हो जाते हैं। ऐसे में गंगा तट पर बने शिवालयों में भक्तों की लम्बी कतारे दिखती हैं। कुछ ऐसा ही नजारा है काशी से कानपुर तक दिख रहा है। कानपुर के आनन्देश्वर को तो शिवभक्त ‘‘दूसरी काशी’’ जैसी मान्यता देते हैं। भक्त मानते हैं कि यहाॅ स्थापित शिवलिंग स्वतः पाताल से धरती पर प्रकट हुआ था।

गंगा जी के परमट घाट पर बने इस अति प्राचीन शिव मन्दिर में दो बजे से भक्तों की कतार लगती है और भोर काल में पट खुलने तक एक लाख से अधिक लोग कतार में होते हैं। पूरे दिन चलने वाली पूजा अर्चना में ढाई लाख से अधिक भक्त शामिल होते हैं। लाखों की संख्या में भक्तों की भीड़ को ध्यान में रखकर कानपुर पुलिस ने कड़क सुरक्षा बन्दोबस्त किये हैं। मन्दिर परिसर के अतिरिक्त पूरे रास्तों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं और पुलिस चौकी में अस्थायी कण्टोल रूम में स्थापित किया है। यहाॅ से संदिग्ध गतिविधियों पर चौबीस घण्टे नजर रखी जा सकेगी।

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