
यूपी की दो एमएलसी सीटों के लिए चुनाव होना है। इन दोनों सीटों पर सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के साथ-साथ समाजवादी पार्टी ने अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे हुए हैं। सपा की तरफ से राम जतन राजभर और रामकरन निर्मल को उम्मीदवार बनाया गया है। सपा के एमएलसी प्रत्याशियों ने पत्र लिखकर विपक्षी दलों के पिछड़े और दलित विधायकों से समर्थन माँगा है।

सपा के दोनों MLC प्रत्याशियों ने पत्र लिख कर बीजेपी के बड़े नेताओं और कई दलों के दलित और पिछड़ा वर्ग से आने वाले नेताओं को पत्र लिखकर एमएलसी के चुनाव में समर्थन देने की अपील की है। दोनों नेताओं ने जिन लोगों को पत्र लिखा है उनमें आशीष पटेल, ओपी राजभर, अनिल राजभर, संजय निषाद, स्वतंत्रदेव सिंह, केशव मौर्य, दिनेश खटीक, मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी को शामिल किया गया है।

पत्र में लिखा गया है कि भाजपा की सामाजिक नीति में भारी खोट है। भाजपा में गरीबों दलितों के लिए कोई स्थान नहीं है। भाजपा हमेशा सामाजिक न्याय की विरोधी रही है। भाजपा ना सबको साथ लेकर चलती है ना सबका विकास चाहती है। भाजपा पिछड़ा वर्ग / अनुसूचित जाति एवं जनजाति के आरक्षण की विरोधी है। भाजपा का संविधान में पूर्ण रुप से विश्वास नहीं है। लोकतंत्र को प्रत्येक स्तर पर कमजोर करने के लिए भाजपा कार्य करती रही है।

पत्र में लिखा गया है कि समाजवादी पार्टी की प्रतिबद्धता सामाजिक न्याय के लिए है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भारतीय संविधान एवं लोकतंत्र को बचाने के लिए संघर्षरत हैं। भाजपा दलितों के अधिकारों पर कुठाराघात करने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ती है।

पत्र में लिखा कि हमको विधान परिषद सदस्य के 29 मई 2023 चुनाव में समाजवादी पार्टी ने प्रत्याशी बनाकर सामाजिक न्याय को ताकत दी है। जबकि भाजपा के यहां दलितों एवं पिछड़ो के लिए कोई सम्मान नहीं है। माननीय विधानसभा सदस्यगण आपसे निवेदन है कि अपनी अंतरात्मा की आवाज को सुनकर हमारे पक्ष में अपना मतदान करने की कृपा करें।