Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में आर्थिक आपातकाल लागू, पूरे देश में हिंसा-हंगामे से हालात बेकाबू, भूख-प्यास से तड़प रहे लोग…

वर्ल्ड डेस्क. श्रीकंला में राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने आपातकाल की घोषणा कर दी है। आर्थिक संकट से जूझ रही जनता के प्रदर्शन को कुचलने के लिए श्रीलंका सरकार ने दमन चक्र शुरू कर दिया है। राष्ट्रपति ऑफिस ने हिंसा को आतंकी कार्रवाई कहा है वहीं देश की जनता भुखमरी से परेशान है।

वर्ल्ड डेस्क. श्रीकंला में राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने आपातकाल की घोषणा कर दी है। आर्थिक संकट से जूझ रही जनता के प्रदर्शन को कुचलने के लिए श्रीलंका सरकार ने दमन चक्र शुरू कर दिया है। राष्ट्रपति ऑफिस ने हिंसा को आतंकी कार्रवाई कहा है वहीं देश की जनता भुखमरी से परेशान है।

एक तरफ पूरी दुनिया रूस और युक्रेन के युद्ध की वजह से तीसरे विश्व युद्ध की दहलीज पर खड़ी है तो वहीं दूसरी तरफ हमारा पड़ोसी देश श्रीलंका भुखमरी का सामना कर रहा है। श्रीलंका में हालात इतने ज्यादा खराब हो गए हैं की लोग दूध, पानी और खाने के लिए तरस रहे हैं। देश में महंगाई का आलम ये है की दाल चावल दूध जैसी खाने पीने की चीजों की कीमतें आसमान छू रही हैं। श्रीलंका में न तो बिजली बची है न ही पानी कोलंबों जैसे शहरों में 13 से 14 घंटों के पावरकट से लोग परेशान है औऱ श्रीलंकाई सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में 13-13 घंटे के पावर कट से जूझ रही जनता सड़कों पर उतर आई है और राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रही है। लोगों के पास खाने-पीने की चीजें नहीं हैं लोग प्रदर्शन कर रहे हैं शहरों में जगह जगह आगजनी की घटनाऐं हो रही हैं जिसके चलते राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने आपातकाल लागू कर दिया है। आपातकाल 1 अप्रैल से लागू किया गया है।

श्रीलंका के राष्ट्रपति कार्यालय से जारी आदेश में कहा गया है कि देश में कानून व्यवस्था कायम रखने, आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई को जारी रखने के लिए ऐसा करना जरूरी हो गया है। इसलिए पूरे श्रीलंका में आपातकाल लागू कर दिया गया है लेकिन सवाल वही है की आखिर श्रीलंका की हालत इतनी खराब कैसे हो गई। क्यों देश के बिगड़ते हालातों को काबू में करने के लिए सरकार ने पहले ठोस कदम नहीं उठाए।

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