स्वामी प्रसाद ने अपने बयान पर दी सफाई कहा, मैं रामचरित मानस का नहीं बल्कि उसमें लिखी कुछ चौपाइयों का विरोधी !

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस पर दिए गए बयान को लेकर रायबरेली में दौरे के दौरान सफाई दी है। उन्होंने कहा कि वह....

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस पर दिए गए बयान को लेकर रायबरेली में दौरे के दौरान सफाई दी है। उन्होंने कहा कि वह रामचरित मानस नहीं बल्कि उसमें लिखी गई उन चौपाइयों के विरोधी हैं जिसमें दलित आदिवासी और महिलाओं को अपमानित किया गया है। इस दौरान उन्होंने इस पर भी सफाई दी कि वह ब्राह्मण नहीं बल्कि ब्राह्मणवादी व्यवस्था के विरोधी हैं।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने मुलायम सिंह यादव को दिए गए गए पद्म विभूषण सम्मान का विरोध किये जाने को लेकर भी स्पष्ट करते हुए कहा कि यह भाजपा की चाल थी। अगर वास्तव में भाजपा मुलायम सिंह का सम्मान ही करना चाहती थी तो उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए था,वह देश के बहुत बड़े नेता रहे हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले सपा नेता बेटी और बदायूं से बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्या ने रामचरितमानस पर अपने पिता के बयान को लेकर उनका बचाव किया हैं। समाजवादी पार्टी एमएलसी और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के एक दिन बाद, उनकी बेटी और भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य उनके समर्थन में आ गईं और कहा कि उनके पिता द्वारा रामचरितमानस के बारे में उठाए गए बिंदुओं पर एक स्वस्थ चर्चा होनी चाहिए।

बदायूं से भाजपा सांसद संघमित्रा ने कहा, “एक व्यक्ति के लिए, जो भगवान बुद्ध को मानता है और भगवान राम को भाजपा में रहते हुए स्वीकार करता है, मेरे पिता ने रामचरितमानस के एक श्लोक के बारे में संदेह जताया है क्योंकि यह राम के संदेश के खिलाफ है। यह बहस या विवाद का विषय नहीं है, बल्कि विश्लेषण का विषय है।”

उन्होंने कहा कि सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्या द्वारा रामचतिमानस पर की गई विवादित टिपण्णी विवाद का या बहस का नहीं बल्कि चर्चा का विषय है. संघमित्रा ने कहा कि कुछ लोग बिना मतलब के मुद्दों को लेकर के विवाद उत्पन्न करके अशांति जैसा माहौल उत्पन्न करने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं चाहूंगी कि इस मुद्दे पर बहस नहीं चर्चा होनी चाहिए।”

Related Articles

Back to top button