
भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमाना ने भारतीय पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि निराशा के समय लोग पुलिस के पास जाने से कतराते हैं। मुख्य न्यायाधीश ने कहा पुलिस को नैतिकता व अखंडता के साथ खड़ा होना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा भ्रष्टाचार, पुलिस की ज्यादतियों, निष्पक्षता की कमी और राजनीतिक गठजोड़ के चलते पुलिस की छवि धूमिल हुई है।मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा पुलिस को राजनीतिक कार्यपालिका के साथ गठजोड़ तोड़कर सामाजिक वैधता और जनता के विश्वास को पुनः प्राप्त करना चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना सत्ता परिवर्तन के बाद पुलिस अधिकरियों को परेशान करने पर भी चिंता जताई। मुक्जय न्यायाधीश एन वी रमना ने कहा सत्ता परिवर्तन के बाद पुलिस अधिकारियों को परेशान करने की घटनाएं सामने आती है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि CBI के कार्यों और निष्क्रियता की वजह से उसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।
मुख्य न्यायाधीश रमना ने कहा कि लोकतांत्रिक पुलिस व्यवस्था के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है। सरकारी रिपोर्टों ने स्वीकार किया है कि पुलिस को अब बुनियादी ढांचे के संबंध में सुधार की जरूरत है। हमारी जांच एजेंसियां अभी भी एक आम कानून द्वारा निर्देशित नहीं हैं।।मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि संस्थाओं के रूप में हमें अभी भी सामाजिक वैधता हासिल करनी है. पुलिस को अपराध की रोकथाम में काम करना चाहिए और देखना चाहिए कि कानून-व्यवस्था बनी रहे।