11 दिन से लापता अग्रवाल दम्पत्ति की लाश महिला मित्र के घर में दफन मिली, महिला और उसके बेटे समेत 4 पुलिस हिरासत में

राजेश अग्रवाल और उनकी पत्नी के कोई संतान नहीं थी. माना जा रहा है कि रोमा ने इस बीच अग्रवाल फैमिली में अपना दखल बढ़ाया. राजेश बिजनेसमैन थे और उनके पास अच्छी प्रॉपर्टी थी. रोमा की नजर इसी प्रॉपर्टी पर थी लेकिन शायद रोमा ने अपने अंजाम के बारे में नहीं सोचा था. वह सोचती थी कि राजेश और उनकी पत्नी को ठिकाने लगा कर करोड़ों की संपत्ति हड़पी जा सकती है.

बिजनौर में 11 दिन पहले लापता हुए बिजनेसमैन राजेश अग्रवाल और उनकी पत्नी की लाश जिले के हमीदपुर गांव में मिली है. हत्या के बाद दोनों की लाशों को एक गड्ढे में डालकर दफना दिया गया था. पुलिस ने राजेश अग्रवाल के साले मनोज कुमार राणा की तहरीर पर गुमशुदगी दर्ज की थी. सर्विलांस के जरिए पुलिस ने लाशों को खोज निकाला और इस हत्याकांड से जुड़ी एक महिला समेत चार लोगों को हिरासत में लिया है.

बिजनौर की शिवलोक कॉलोनी निवासी बिजनेसमैन राजेश अग्रवाल अपनी पत्नी बबीता अग्रवाल के साथ रहते थे. बबीता अपनी दुकानों में से एक में ब्यूटी पार्लर चलाती थी. अग्रवाल दंपति के कोई संतान नहीं है. राजेश अग्रवाल फैमिली के संपर्क हमीदपुर गांव की रोमा से भी थे.

11 दिन पहले 28 फरवरी को राजेश के साले मनोज कुमार राणा ने अपनी बहन और बहनोई के गायब होने की सूचना पुलिस को दी थी. पुलिस ने इस सूचना को दर्ज किया और दोनों की तलाश शुरू कर दी. पुलिस और परिजनों ने मिलकर राजेश और बबीता को हर जगह तलाशा लेकिन उनका कोई पता नहीं चल सका.

पुलिस की सर्विलेंस टीम राजेश और बबीता के मोबाइल फोन नंबरों को भी खंगाल रही थी. संदिग्ध नंबरों की तलाश करने पर पुलिस की जद में रोमा नाम की एक महिला आई जो बिजनौर के ही हमीरपुर गांव की निवासी है.

पुलिस ने महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ की और उसके साथ ही तीन अन्य लोगों को भी पकड़ा गया. चारों से हुई पूछताछ के बाद पुलिस हमीदपुर गांव पहुंची और उनकी निशानदेही पर एक गड्ढे मैं दफन की गई राजेश और बबीता की लाशें बरामद की है.

राजेश के प्रापर्टी लोन में गवाह थे मुकेश, मोंटी-
राजेश अग्रवाल ने कुछ समय पहले अपनी प्रापर्टी पर लोन लिया था. लोन की फाइल में मुकेश और मोंटी ने गवाह के तौर पर हस्ताक्षर किये थे. मोंटी और मुकेश ने सोचा कि अगर राजेश और बबीता की हत्या कर दी जाये तो लोन ली गयी प्रापर्टी पर अपना अधिकार जमा सकेगें. इस मकसद को रोमा ने जमकर हवा दी. रोमा ने वारदात को अंजाम देने के लिए अपने बेटे तुषार को भी शामिल किया.

करोड़ों की संपत्ति पर थी हत्यारों की नजर-
शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि रोमा राजेश अग्रवाल की संपत्ति को हापना चाहती थी. राजेश अग्रवाल के पास शहर में एक मकान और तीन दुकानें हैं जिनकी कीमत करोड़ों में है. अग्रवाल दंपत्ति के कोई संतान नहीं है इसलिए रोमा ने करोड़ों की इस संपत्ति पर अपनी नजरें गड़ा रखी थी. पुलिस ने फिलहाल विस्तृत जानकारी नहीं दी है. पुलिस अफसरों का कहना है कि जांच जारी है. जल्द ही पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा.

हत्या कहीं की और लाश कहीं और लगाई ठिकाने-
राजेश अग्रवाल और बबीता की हत्या किन परिस्थितियों में हुई यह तो अभी तक पता नहीं चला है. लेकिन उनकी हत्या के बाद उनकी लाश को हमीदपुर गांव में ठिकाने लगाया गया. रात के अंधेरे में लाश को एक गड्ढे में डालकर ऊपर से मिट्टी भर दी गई. शुरुआती जांच में पता चला है कि दोनों की हत्या गला दबाकर की गई. पुलिस फिलहाल इस पूरे मामले की बैकग्राउंड पता कर रही है. साथ ही इस हत्याकांड में और कौन-कौन शामिल है और किसकी क्या भूमिका है, इसकी भी जांच जारी है.

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