आईएमएस कॉलेज के ध्रुव होस्टल की लिफ्ट टूटकर 5वीं मंजिल से गिरी, 10 छात्र घायल, 1 की हालत गम्भीर।

ग़ाज़ियाबाद : ग़ाज़ियाबाद के आईएमएस कॉलेज के ध्रुव होस्टल में आज सुबह लिफ्ट टूटकर गिर गयी। जिसके चलते लिफ्ट में सवार 10 छात्र बुरी तरह से घायल हो गए। जिनको कॉलेज प्रबंधन ने NH 9 पर स्थित मनीपाल हॉस्पिटल में भर्ती कराया है। जहाँ पर उनका इलाज चल रहा है। जानकारी के मुताबिक आईएमएस यू सी कैंपस का हॉस्पिटल आईएमएस इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में स्थित है। कॉलेज जाने के लिए ध्रुव होस्टल में रहने वाले छात्र लिफ्ट में सवार होकर 6ठी मंजिल से नीचे को चले तभी झटका लेकर लिफ्ट 5वीं मंजिल पर रुक गयी और फिर अचानक लिफ्ट गिर गयी। जिस वक्त ये घटना हुई लिफ्ट में 10 छात्र मौजूद थे। सभी को चोट लगी है लेकिन बीसीए के छात्र प्रियांशु पांडेय को गम्भीर चोट लगी है उसके पैर में फ्रैक्चर एआय है उसका अस्पताल में आपरेशन चल रहा हैं। घटना के बाद भी पुलिस को इसकी जानकारी नही दी गयी। मीडिया में खबरे आने के बाद पुलिस मौके पर पहुँच पड़ताल में जुटी है। वही डीएम ने अधिकारियों से इस घटना से संबंधित जांच शुरू कर दी हैं। हालांकि कब्र लिखे जाने तक पुलिस को कोई लिखित शिकायत नही मिली है।

लिफ्ट हादसे के वक्त कौन- कौन हुआ घायल।
आईएमएस कॉलेज के हॉस्टल में तार टूटकर लिफ्ट गिरने के मामले में 10 छात्र घायल हुए हैं। जिसमें तनिष्क अग्रवाल , प्रखर वत्स,हर्ष जायसवाल,परम शर्मा, रितिक सिंह और अंश जैन बीबीए के छात्र है। वही सुमित कुमार सिंह, प्रियांशु पांडे और अश्विन प्रकाश बीसीए के छात्र है जबकि और कवरदीप सिंह (MIB) का कोर्स कर रहा हैं। इसमें प्रियांशु की हालत गंभीर बताई गई है क्योंकि उसके पैर के हड्डी टूटी है और उसका मनीपाल हॉस्पिटल में इलाज चल रहा हैं।

डीएम ने अधिकारियों को दिए जांच के आदेश। एएसपी और सीएफओ ने भी की जांच।

घटना की जानकारी के बाद डीएम ने अधिकारियों को जांच कर पूरी घटना की रिपोर्ट मांगी है। सबसे पहले मौके पर उन्होंने एसडीएम सदर विनय कुमार सिंह को भेजा, जिन्होंने अस्पताल जाकर पहले छात्रों का हालचाल लिया और उनके इलाज के संपूर्ण व्यवस्था कराए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने साफ किया है कि किसी के इलाज में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। उनके द्वारा घटनास्थल का भी निरीक्षण किया गया है। घटनास्थल पर एएसपी आकाश पटेल और मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुनील कुमार सिंह ने भी लिफ्ट के टूटने की घटना की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने लिफ्ट के गिरने की सारी जानकारी लिफ्ट को ठीक करने वाले टेक्नीशियन से ली हैं। सभी लिफ्टों के मेंटेनेंस कराने को लेकर कॉलेज प्रबंधन को आदेश दिए हैं। ताकि भविष्य में इस प्रकार की कोई घटना ना घटे।

क्या बोले कॉलेज के डायरेक्टर।


आई एम एस कॉलेज के डायरेक्टर अजय कुमार ने मीडिया से बात करते हुए बताया है कि लिफ्ट ओवरलोड की वजह से गिरी है। उनका कहना है कि लिफ्ट में 6 से 8 लोगों की ही जाने की अनुमति है, लेकिन लिफ्ट में 10 लोग सवार थे जिसके कारण यह हादसा लिफ्ट तारों के टूटने की वजह से हुआ है। जबकि नाम ना बताने के शर्त पर कॉलेज के हॉस्टल में रहने वाले छात्रों ने कहा है की लिफ्ट में पहले भी खराब होने की परेशानी अक्सर आती रहती है, चलते-चलते लिफ्ट बीच में अटक जाती है।जिसको लेकर कई बार शिकायत भी की गई लेकिन कॉलेज के प्रबंधन और हॉस्टल के वॉर्डन ने इस पर ध्यान नहीं दिया जिसके चलते आज एक बड़ा हादसा हुआ है।

यूपी में नही है लिफ्ट एक्ट ! 4 साल से शासन में पेंडिंग है लिफ्ट एक्ट ।
उत्तर प्रदेश में हाई राइज बिल्डिंग होने के बावजूद अभी तक लिफ्ट एक्ट उत्तर प्रदेश में लागू नहीं किया गया है। जबकि पड़ोसी प्रदेश दिल्ली हरियाणा महाराष्ट्र तमिलनाडु में पहले ही लिफ्ट एक्ट लागू किए जा चुके हैं। हाईकोर्ट में दायर किए गए पीआईएल में हुए आदेश के बाद वर्ष 2018 में पीडब्ल्यूडी विभाग की तरफ से लिफ्ट और एस्केलेटर एक्ट का ड्राफ्ट किया जा चुका था, जिसे शासन को मंजूरी के लिए भेजा गया था लेकिन अब तक शासन से एक्ट की मंजूरी नहीं मिल सकी है। हाई कोर्ट में रिट दाखिल करने वाले फेडरेशन ऑफ अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन के संस्थापक आलोक कुमार ने पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को लिफ्ट एक्ट बनाए जाने को लेकर एक पत्र भी दिया था। क्योंकि हाई राइज बिल्डिंग में लगातार होते हादसों के बीच उत्तर प्रदेश में कोई भी ऐसा लिफ्ट एक्ट नहीं है, जिसके तहत कोई पुख्ता कार्रवाई की जा सके। हालांकि लिफ्ट का हर साल सर्विस और मेंटेनेंस के प्रमाण पत्र लिफ्ट में चस्पा करना अनिवार्य हैं, लेकिन कहीं भी इसका पालन नहीं किया जाता और ना ही पालन न करने वालों पर कोई भी कार्यवाही करने का प्रावधान है। आलोक कुमार कहते हैं कि ऐसे मामलों में जल्द से जल्द उत्तर प्रदेश में लिफ्ट एक्ट लागू किया जाना बेहद अनिवार्य हैं।

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