ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जाने सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा…

वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के निचली अदालत के फैसले पर रोक की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश की पीठ के सामने मेंशनिंग की गई। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे पर रोक का कोई आदेश करने से इनकार किया। अंजुमन इंतजामियां मस्जिद कमेटी के वकील हुजैफा अहमदी ने मुख्य न्यायाधीश के सामने मेंशन करते हुए कहा कि आज निचली अदालत के फैसले पर कार्यवाई शुरू हो जाएगी। इसलिए ममाले को आज सुना जाए। कम से कम मामले पर यथस्थिति बनाए रखने का आदेश जारी करे। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा अभी हमने पेपर नही देखा है। बिना पेपर देखे कोई आदेश जारी नही किया जा सकते। इसलिए याचिका पढ़ने के बाद सुनवाई करूंगा।

ज्ञानवापी मस्जिद कमिटी की तरफ से आज सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे पर रोक लगाने की मांग की गई है । साथ ही याचिका में 21 अप्रैल के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को भी चुनौती दी गई है। 21 अप्रैल को हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने कहा था कि साक्ष्य जमा करने के लिए यदि कमीशन भेजा गया है तो इससे याची के अधिकारी का उल्लंघन नहीं होता। कमीशन भेजना कोर्ट के अधिकार क्षेत्र से बाहर नहीं है।

वकील हुजैफा अहमदी ने बताया की प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट यानी धार्मिक स्थल कानून के मुताबिक जो धार्मिक स्थल 1947 में जैसा था और उसमे जिस तरह से प्रार्थना हो रही थी उसे बदला नहीं जा सकता। इसलिए माजिद की सर्वे का निचली अदालत का आदेश सही नहीं है।दरअसल, वाराणसी की निचली अदालत ने माजिद के सर्वे का आदेश दिया है। इस सर्वे का मकसद यह पता लगाना है की मस्जिद के अंदर क्या है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ज्ञानवापी परिसर प्रकरण में कमीशन कार्यवाही के लिए एडवोकेट कमिशनर नियुक्ति के खिलाफ याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया था। 8 अप्रैल 2022 को सिविल जज ने अधिवक्ता अजय कुमार मिश्र को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त करते हुए कमीशन की कार्यवाही संपादित करने का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से हाईकोर्ट के याचिका दाखिल की थी जिसको इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया था।

Related Articles

Back to top button