धक्का मुक्की से लात घूसों तक पहुंची सदन की कार्यवाही, हंगामे के चलते नहीं हो सका मेयर का चुनाव

दिल्ली में मेयर और डिप्टी मेयर के लिए आज वोटिंग होनी थी। बहुमत न होने के बावजूद भाजपा इस चुनाव में मैदान उतरी है। शौली ओबेरॉय आम आदमी पार्टी की मेयर प्रत्याशी तो रेखा गुप्ता भारतीय जनता पार्टी की मेयर प्रत्याशी मैदान में हैं।

दिल्ली में आज मेयर का चुनाव होना था। भारी हंगामे के चलते मेयर का चुनाव नहीं हो पाया। चुनाव प्रक्रिया के शुरू होने से पहले ही भाजपा और आम आदमी पार्टी के पार्षदों के बीच हंगामा हो गया। मनोनीत सदस्यों को शपथ दिलाने को लेकर AAP पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया।

दिल्ली में मेयर और डिप्टी मेयर के लिए आज वोटिंग होनी थी। बहुमत न होने के बावजूद भाजपा इस चुनाव में मैदान उतरी है। शौली ओबेरॉय आम आदमी पार्टी की मेयर प्रत्याशी तो रेखा गुप्ता भारतीय जनता पार्टी की मेयर प्रत्याशी मैदान में हैं। स्थायी समति के लिए 6 सदस्यों का भी चुनाव होना है। कांग्रेस ने चुनाव में शामिल न होने का पहले ही फैसला कर लिया है। पहले पार्षदों को गोपनीयता की शपथ दिलाई जानी थी, बैलेट पेपर के जरिए मेयर, डिप्टी मेयर का चुनाव होना था जिसको भारी हंगामें के चलते टाल दिया गया है। बात सदन में हंगामा, नारेबाजी के बाद हाथापाई तक पहुँच गयी। दोनों पक्षों से मेयर की कुर्शी के लिए कुर्सियां चल गयी। अब चुनाव की अगली तारीख को LG तय करेंगे।

दिल्ली में आज मेयर का चुनाव होना था। दिल्ली एमसीडी मेयर चुनाव का बवाल इतना बाढ़ गया कि बात सदन में हंगामा, नारेबाजी के बाद हाथापाई तक पहुँच गयी। दोनों पक्षों से मेयर की कुर्शी के लिए कुर्सियां चल गयी। आप पार्षदों और बीजेपी के पार्षदों के बीच सिविक सेंटर मे धक्का-मुक्की हुई। इस दौरान सांसद मनोज तिवारी, प्रवेश वर्मा, गौतम गंभीर व कई अन्य सांसद भी वहां पहुंचे। वे सभी वहां वोट डालने के लिए पहुंचे हुए थे।

जैसे ही पीठासीन अधिकारी ने एक एलडरमैन को पहले शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया, स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मार्शलों को बुलाना पड़ा। आप, जो शुरू से ही एल्डरमेन की नियुक्ति पर सवाल उठा रही थी, ने इसका विरोध किया। एल्डरमैन क्षेत्र के विशेषज्ञ होते हैं और सदन के लिए मनोनीत होते हैं। लेकिन उनके पास मतदान का अधिकार नहीं है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लेफ्टिनेंट गवर्नर विनय कुमार सक्सेना को पत्र लिखकर दावा किया था कि जिस तरह से दस एल्डरमैन को नामित किया गया था वह असंवैधानिक था। “इसलिए, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हाल ही में, इस स्थापित प्रथा से पूर्ण प्रस्थान में, दिल्ली सरकार को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए एमसीडी – आयुक्त द्वारा सीधे उपराज्यपाल को फाइलें भेजी गईं। यह कानून और संविधान के विपरीत हैं। “

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