प्रदेश सरकार की नई पेंशन योजना (NPS) के खिलाफ राजधानी लखनऊ के इको-गार्डन में मंगलवार को बड़ी संख्या में शिक्षक और कर्मचारी इकठ्ठा हुए और सरकार के विरोध में नारें लगाने लगे। वे पुरानी पेंशन की मांग को लेकर भी आंदोलन कर रहे थे और नारे लगा रहे थे। कर्मचारियों के इस प्रदर्शन के बाद प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी की अध्यक्षता में कर्मचारी संगठनों के साथ गुरुवार को लम्बी बैठक चली।
लोकभावन में हुई इस बैठक में मुख्य सचिव ने कर्मचारी संगठनों को आस्वस्त किया कि उनके वाजिब मांगों पर जरूर विचार होगा। इसके अलावा उन्होंने NPS का लाभ भी गिनाया। उन्होंने बताया कि सरकार की यह नई योजना कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखकर गढ़ी गयी है। उन्होंने बैठक में कर्मचारी और शिक्षक संगठनों के साथ कई आंकड़े और जानकारियां भी सांझा की।
मुख्य सचिव आर के तिवारी ने बताया,राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत अधिकतम लाभ दिलाने के लिए सरकार ने 3 फरवरी 2019 को शासनादेश जारी किया है। इसके तहत 1 अप्रैल 2019 से सरकार का अंशदान बढ़ा दिया गया। पहले यह 10 फीसदी हुआ करता था जिसे अब 15 फीसद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि नई पेंशन योजना के तहत 1 अप्रैल 2005 से 3 मार्च 2019 के बीच कर्मचारियों को हुई किसी भी क्षतिपूर्ति की भरपाई का प्रावधान किया गया है।
इस बैठक के दौरान प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि मुख्य सचिव समेत दूसरे अधिकारियों व कर्मचारी संगठनों के बीच, कैशलेस ट्रीटमेंट, पदोन्नति, मृतक आश्रितों का सेवायोजन, नीतिगत स्थानांतरण आदि मुद॒दों पर चर्चा की गईं। मुख्य सचिव ने कहा, कि स्वायत्तशासी संस्थाओं के कर्मचारियों के प्रान खांतों में 8,54.200 करोड़ रुपये जमा किए गए है इसके अलावा NPS के तहत ग्रेच्युटी, अवकाश नगदीकरण एवं सामूहिक बीमा योजना पूर्व की भांति लागू है।