मौत के बाद वायरल हो रहा मुख्तार अंसारी का ये ऑडियो क्लिप, जानें ‘जय श्रीराम’ का क्यों लगा रहा नारा?

इस पूरी बातचीत का ऑडियो अब वायरल हो रहा है। तो आइए जानते हैं कि आखिर इस ऑडियो क्लिप में मुख्तार क्या कुछ कह रहा है।

बीते गुरुवार को उत्तर प्रदेश की माफिया जगत का एक अध्याय समाप्त हो गया। पूर्वांचल का बाहुबली नेता और माफिया मुख़्तार अंसारी की गुरुवार यानी 28 मार्च को हार्ट अटक के चलते मौत हो गई और उसके साथ ही यूपी के माफिया जगत का रौब भी मौत के मुह में समा गया। मुख्तार का जयादातर जीवन जेल की सलाखों के पीछे ही बीता था। वहीं से वो अपने अपराध जगत को हैंडल करता था और अब उस जगत को अलविदा भी उसने वही से कहा है। इस बीच पांच बार के विधायक रहे मुख्तार का एक ऑडियो क्लिप वायरल हो रहा है, जिसमें वो जेल से ही भाजपा नेता कृष्णानंद राय की हत्या की खबर माफिया अभय सिंह को दे रहा है। क्यूंकि मुख़्तार इस समय जेल में था तो इस कॉल को इंटरसेप्ट कर लिया गया था। जिसके चलते इस पूरी बातचीत का ऑडियो आज भी  मौजूद है और अब वायरल हो रहा है। तो आइए जानते हैं कि आखिर इस ऑडियो क्लिप में मुख्तार क्या कुछ कह रहा है।

दरअसल, उस वक्त मुख्तार अंसारी गाजीपुर की जेल में बंद हुआ करता था। वहीं उसका शूटर अभय सिंह फैजाबाद में जेल की हवा खा रहा था। बात वर्ष 2025 की है जब कृष्णानंद राय की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी। इस हमला में हमलावरों ने करीब 400 से ज्यादा राउंड गोलियां चलाई थीं। अब जिस दौरान भजपा नेता पर गोलियां बरसाई जा रही थी उसी दौरान मुख्तार ने अभय सिंह को फ़ोन किया था। अब जो ये रिकॉर्डिंग वायरल हो रही है ये उसी समय की है।

चलिए जानते हैं इस ऑडियो क्लिप में मुख़्तार अंसारी और अभय सिंह में ये क्या बातचीत हुई थी?

अभय सिंह: अभय सिंह बोल रहे हैं.

मुख्तार अंसारी: हां बोलो.

अभय सिंह: रिजवान भाई से वहां बातचीत हुई थी, जब सब लोग वहां आए थे नमाज पढ़ने. उस समय मामला थोड़ा बिगड़ गया था.

मुख्तार अंसारी: हां वो बदमाशी किया है, वो सब छोड़ो अभी. अभी पता है, हल्ला हो रहा है कि गोली चल रही थी वहां. मुन्ना बजरंगी और कृष्णानंद राय के बीच.

अभय सिंह: अच्छा, कहां पर?

मुख्तार सिंह: कृष्णानंद राय के गांव पर. दोनों तरफ से मुकाबला चल रहा है.

अभय सिंह: बराबर गोली चली है या एकतरफा.

मुख्तार अंसारी: हमारा विरोधी था, हम बहुत खुश हैं। जिसने भी मारा है, ठीक किया राजनीतिक मनमुटाव कृष्णानंद राय का हमीं लोगों से था। हम बहुत खुश हैं। जय श्रीराम, इसी के साथ कहता है कि ‘मुट्ठी में पकड़ के चुटिया काट ली।’

अभय सिंह: ठीक है भैया हम रख रहे हैं।

ऐसा बताया जा रहा है कि मुख्तार को ये पता रहता था कि उसका फोन टेप हुआ करता है, इसलिए वो बहुत सोच समझ कर फ़ोन पर बात किया करता था।

कब और कैसे हुई थी BJP विधायक कृष्णानंद राय की हत्या?

इस पूरे मामले की जड़ वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव से पैदा हुई थी। जब उस चुनाव में BJP प्रत्याशी कृष्णानंद राय ने मुहम्मदाबाद से लगातार चुने जाते रहे मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल को हरा दिया था और विधायक चुने गए थे। उनकी यही जीत उसके मौत का कारण बन गई। इस चुनाव में जीत पाने के बाद मुख्तार अंसारी और उनके बीच दुश्मनी शुरू हो गई। बात 29 नवंबर 2005 की है। जब कृष्णानंद राय को करीमुद्दीनपुर इलाके के एक गांव सेनाड़ी में आयोजित क्रिकेट मैच का उद्घाटन करने के लिए वहां आना था।

चूँकि मौसम थोड़ा खराब था तो उस समय हलकी-हलकी बारिश हो रही थी। ऐसे में कृष्णानंद ने अपने बुलेटप्रूफ गाड़ी को छोड़कर सामान्य गाड़ी से जाना सहीं समझा। इस दौरान शाम को जब वो वापस लौट रहे थें तो कुछ अज्ञात बदमाशो ने उसरी चट्टी के पास घेरकर उनपर एके-47 से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले में करीब 400 से ज्यादा राउंड गोलियां चलाई गई थीं। जिसमे BJP विधायक के साथ 7 और लोगों ने अपनी जान गवां दी थी। बोला जाता है कि कृष्णानंद राय के शरीर से 60 से ज्यादा गोलियां निकाली गई थीं। जिसके बाद हत्या का आरोप यूपी के बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी पर लगा था। इस मामले में मुख्तार अंसारी को मुख्य आरोपी बनाया गया था, लेकिन सबूतों के अभाव में सीबीआई की विशेष अदालत वो बच गया था। हालांकि, अब भी ये मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। 

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