केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय के इस कदम से बढ़ेगा घरेलू ईंधन उत्पादन? ऊर्जा उत्पादन क्षेत्र होगा मजबूत!

भारत का घरेलू ऊर्जा उत्पादन कम रहा है जो देश की ऊर्जा सुरक्षा के लिए अच्छा नहीं है। पिछले वित्तीय वर्ष में भारत के कच्चे तेल और गैस उत्पादन में क्रमशः 5.22% और 8.06% की गिरावट आई है।

भारत की ऊर्जा सुरक्षा रणनीति के अहम हिस्से के रूप में, केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने लिबरल ओपन एकरेज लाइसेंसिंग प्रोग्राम (OALP) के तहत सातवें दौर की बोली शुरू की है। दरअसल, भारत में घरेलू हाइड्रोकार्बन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने यह कदम उठाया है। ताजा जानकारी के मुताबिक अंतिम चरण की बोली के दौरान निवेशकों को करीब 15,766 वर्ग किमी खंड की पेशकश की गई है।

इस OALP की बोली में छह तलहटी घाटियों में फैले कुल आठ ब्लॉक की पेशकश की जा रही है और इसमें पांच ऑनलैंड ब्लॉक, दो उथले पानी के ब्लॉक और एक अति-गहरे पानी के ब्लॉक शामिल हैं। बोली के इन चरणों की कुछ शर्तों में रॉयल्टी दरों में कमी, कोई तेल उपकर नहीं, विपणन और मूल्य निर्धारण की स्वतंत्रता, वर्ष भर की बोली, पारंपरिक और अपरंपरागत दोनों हाइड्रोकार्बन संसाधनों को कवर करने के लिए एकल लाइसेंस और संपूर्ण अनुबंध अवधि के दौरान अन्वेषण अनुमति शामिल हैं।

भारत का घरेलू ऊर्जा उत्पादन कम रहा है जो देश की ऊर्जा सुरक्षा के लिए अच्छा नहीं है। पिछले वित्तीय वर्ष में भारत के कच्चे तेल और गैस उत्पादन में क्रमशः 5.22% और 8.06% की गिरावट आई है। इस चुनौती से निपटने की बात प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में भी कही गयी थी। भारत का घरेलू ऊर्जा उत्पादन कम होने के कारण, NDA सरकार के लिए ऊर्जा सुरक्षा पर फोकस के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है।

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