मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक: मेडिकल शिक्षा में विस्तार, 10,000 नई सीटें और 200 कैंसर केयर सेंटर

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सतत विकास लक्ष्य "सभी उम्र के लोगों के लिए स्वास्थ्य और कल्याण सुनिश्चित करना" के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को...

भारत का स्वास्थ्य तंत्र 1.4 अरब की आबादी को सेवाएं देने वाला एक जटिल और विविध प्रणाली है। 21वीं सदी में, भारत का हेल्थकेयर सिस्टम कई चुनौतियों से जूझता रहा है, जिससे नागरिकों को समान और प्रभावी चिकित्सा सेवा देने की इसकी क्षमता प्रभावित हुई है। इन चुनौतियों को शहरी-ग्रामीण विभाजन, सुविधाओं और प्रशिक्षित पेशेवरों की कमी, बढ़ती चिकित्सा लागत, वृद्ध होती जनसंख्या और डायबिटीज, हृदय रोग व कैंसर जैसी गैर-संचारी बीमारियों की बढ़ती दर ने और भी गंभीर बना दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सतत विकास लक्ष्य “सभी उम्र के लोगों के लिए स्वास्थ्य और कल्याण सुनिश्चित करना” के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को देखते हुए, इन समस्याओं के समाधान के लिए सुधारों की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है।

केंद्रीय बजट 2025-26:
1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2025-26 ने भारत के स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत और समावेशी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण आधार तैयार किया है। इस बजट में जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता बढ़ाने, स्वास्थ्य अवसंरचना में निवेश, बीमा कवरेज और निवारक देखभाल पर जोर दिया गया है, जिससे सरकार की “जन-कल्याण” की प्रतिबद्धता स्पष्ट होती है।

  • स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट आवंटन: सरकार ने 2025-26 के लिए ₹99,858.56 करोड़ का प्रावधान किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 9.78% की वृद्धि है। यह धनराशि न केवल बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगी बल्कि मेडिकल रिसर्च और सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों को भी बढ़ावा देगी।
  • मेडिकल शिक्षा में विस्तार: इस बजट के तहत 10,000 नई मेडिकल सीटें जोड़ी जाएंगी, और अगले 5 वर्षों में 75,000 सीटें बढ़ाने का लक्ष्य है। इससे डॉक्टर-पॉपुलेशन अनुपात 1:1263 से WHO मानक 1:1000 तक लाने में मदद मिलेगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रशिक्षित डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
  • आतल टिंकरिंग लैब्स: वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के लिए 5,000 नई अटल टिंकरिंग लैब्स स्थापित की जाएंगी।

मरीजों को राहत: जीवनरक्षक दवाओं पर छूट

  • कैंसर, दुर्लभ बीमारियों और अन्य गंभीर रोगों के इलाज को सस्ता करने के लिए सरकार ने 36 जीवनरक्षक दवाओं पर बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) में छूट दी है, जबकि 6 अन्य दवाओं पर भी विशेष रियायतें प्रदान की गई हैं।
  • पीएम जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) का विस्तार कर 1 करोड़ गिग वर्कर्स को स्वास्थ्य कवरेज देने की घोषणा की गई है।

कैंसर देखभाल के लिए क्रांतिकारी कदम
भारत में कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए बजट में देशभर में 200 कैंसर डे-केयर सेंटर स्थापित करने की योजना बनाई गई है, जिससे मरीजों को अपने जिलों में ही समय पर इलाज मिल सकेगा।

पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) और “हील इन इंडिया” पहल

  • PPP मॉडल के तहत सरकारी और निजी क्षेत्र की साझेदारी से अस्पतालों और स्वास्थ्य सुविधाओं को अपग्रेड किया जाएगा।
  • “हील इन इंडिया” पहल के तहत मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देकर भारत को वैश्विक हेल्थकेयर हब बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

2025-26 का स्वास्थ्य बजट भारत की स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार लाने के लिए एक ठोस और दूरदर्शी प्रयास है। हालांकि, उन्नत मेडिकल उपकरणों के आयात पर शुल्क में कमी और टैक्स छूट जैसी कुछ और पहलें की जा सकती थीं, लेकिन इस बजट के सकारात्मक प्रभाव इन कमियों को पीछे छोड़ते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत” के विजन की दिशा में यह एक मजबूत कदम है – स्वस्थ भारत, समृद्ध भारत!

Related Articles

Back to top button