भारतीय किसान यूनियन में हुई दो फाड़, नरेश टिकैट को अध्यक्ष पद से हटाया गया, राकेश टिकैत भी BKU से निष्कासित…

दरअसल, बीते कुछ समय से टिकैत परिवार के खिलाफ किसानों में उभरी नाराजगी के बाद भारतीय किसान यूनियन में दरार पड़ने के संकेत मिल रहे थे. यहां तक कि बीकेयू के कई सदस्य संगठनों के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी राकेश टिकैत की गतिविधियों को लेकर नाराज चल रहे थे.

रविवार को भारतीय किसान यूनियन से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई. किसान आंदोलन का सबसे चर्चित चेहरा रहे राकेश टिकैत को बीकेयू से निष्कासित कर दिया गया है. इसके साथ ही उनके भाई नरेश टिकैत को भी अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है. वहीं, संगठन दो धड़ों में बंट गया है और राजेश चौहान को भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) का अध्यक्ष बना दिया गया है.

दरअसल, बीते कुछ समय से टिकैत परिवार के खिलाफ किसानों में उभरी नाराजगी के बाद भारतीय किसान यूनियन में दरार पड़ने के संकेत मिल रहे थे. यहां तक कि बीकेयू के कई सदस्य संगठनों के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी राकेश टिकैत की गतिविधियों को लेकर नाराज चल रहे थे. उनका मानना था कि राकेश टिकैत ने अपने राजनीतिक बयानों से उनके अराजनीतिक संगठन को सियासी शक्ल दे दी.

बहरहाल, भाकियू के संस्थापक दिवंगत चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि के मौके पर रविवार 15 मई को आयोजित बीकेयू नेताओं की बड़ी बैठक में नरेश टिकैत को अध्यक्ष पद से हटाने का फैसला लिया गया. इसके साथ ही राकेश टिकैत को भी संगठन से निष्कासित कर दिया गया. लखनऊ स्थित गन्ना किसान संस्थान में लखनऊ कार्यकारिणी की बैठक के दौरान संगठन को नए शिरे से तैयार करने का फैसला लिया गया.

संगठन के किसान नेताओं ने भाकियू (अराजनैतिक) संगठन बनाने का बड़ा ऐलान किया. इस संगठन के अध्यक्ष के रूप में राजेश सिंह चौहान को पदस्थ किया गया. संगठन के किसान नेताओं ने इस मौके पर संकल्प लिया कि वो एकजुट होकर बिना किसी राजनैतिक उद्देश्य के किसानों के हित की बात करेंगे.

किसानों की नाराजगी के पीछे उनका मानना था कि ‘नरेश टिकैत-राकेश टिकैत कुछ चाटुकारों के बीच फंस गये थे और संगठन अपने उद्देश्यों से भटक गया था. लिहाजा, रविवार को BKU दो धड़ों में बंट गया.

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