यूएई ने वीजा नियमों में किए ये बदलाव, अब भारतीयों को होंगे कई बड़े फायदे, पढ़ें पूरी खबर…

दरअसल, यूएई में 34 लाख से ज्यादा भारतीय रहते हैं. इनमें से बड़ी संख्या में केरल के लोग वहां जाते हैं जिनका प्रमुख मकसद वहां रोजगार करना या व्यापार करना होता है. ऐसे में यूएई की एडवांस वीजा प्रणाली के तहत अब से वहां जा कर व्यापार करने या रोजगार के लिए पहुंचने वाले भारतीय लोगों को लंबे समय तक निवास करने की सुविधा मिलेगी.

संयुक्त अरब अमीरात में नए वीजा नियमों के लागू होने से भारत में इसकी काफी अहमियत मानी जा रही है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि यूएई में बड़ी संख्या में भारतीय एंटरप्रेन्योर और श्रमिक काम करते हैं. यूएई में 3 अक्टूबर यानी आज से एडवांस वीजा प्रणाली लागू हो चुकी है. इसके तहत अलग-अलग तबकों के लोगों के वीजा के अलग-अलग प्रारूपों की व्यवस्था की गई है.

एडवांस वीजा प्रणाली के तहत विदेशियों को 90 दिनों तक देश में रहने की अनुमति रहेगी. वहीं कुशल कामगारों के लिए पांच साल का ग्रीन रेजिडेंसी साथ ही न्यू मल्टी एंट्री पर्यटक वीजा भी शामिल है. विश्व भर की डगमगाती अर्थव्यवस्था के बीच संयुक्त अरब अमीरात का यह फैसला देश में नीतिगत बदलावों के नजरिए से मील का पत्थर माना जा रहा है.

वहीं यूएई सरकार का भी यही कहना है कि इस फैसले का मकसद देश में निवेश और पर्यटन को और अधिक बढ़ाना है. सरकार चाहती हैं कि यूएई के लिए अधिक से अधिक पर्यटक, एंटरप्रेन्योर और कुशल कामगार आकर्षित हों और देश की अर्थव्यवस्था में न्यू एडवांस वीजा नीति की प्रासंगिकता बरकरार रहे.

दरअसल, यूएई में 34 लाख से ज्यादा भारतीय रहते हैं. इनमें से बड़ी संख्या में केरल के लोग वहां जाते हैं जिनका प्रमुख मकसद वहां रोजगार करना या व्यापार करना होता है. ऐसे में यूएई की एडवांस वीजा प्रणाली के तहत अब से वहां जा कर व्यापार करने या रोजगार के लिए पहुंचने वाले भारतीय लोगों को लंबे समय तक निवास करने की सुविधा मिलेगी.

आइए जानते हैं कि यूएई की न्यू एडवांस वीजा सिस्टम में भारतीयों के लिए क्या सहूलियत दी गई है. गौरतलब हो कि इस प्रणाली के तहत विशेष रूप से वीजा प्रारूपों में तीन तरह के बदलाव किये गए हैं. अलग-अलग तबकों के लोगों के वीजा के अलग-अलग प्रारूपों की व्यवस्था की गई है.

रिन्यूएबल ग्रीन वीजा

रिन्यूएबल ग्रीन वीजा एक सेल्फ स्पॉन्सर्ड वीजा होगा जिस आधार पर कोई भी आप्रवासी शुरआती तौर पर यूएई में पांच साल तक के लिए रह सकेगा. ये वीजा खासतौर पर फ्रीलांसर, सेल्फ एम्प्लॉयड, कुशल कामगार, इन्वेस्टर्स या उनके पार्टनर्स को जारी किया जा सकेगा. इस प्रणाली के तहत ग्रीन वीजा धारकों को सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अब वे अपने परिवार समेत रिश्तेदारों को भी अपने प्रवास के दौरान वहां रख सकेंगे. अब तक ग्रीन वीजा धारकों के लिए यह प्रावधान था कि वे अपने 18 साल तक के उम्र के बच्चों को अपने साथ रख सकते थे लेकिन अब यह आयु सीमा 25 साल कर दी गई है. साथ ही निवास की अवधि समाप्त होने बाद छह महीने की ग्रेस अवधि भी मिलेगी.

गोल्डन वीजा धारकों के लिए हुए बड़े बदलाव

साल 2020 में दूसरे देशों की बेहतरीन प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात सरकार ने गोल्डन वीजा स्कीम शुरू किया था. इस वीजा के लिए हर क्षेत्र के निवेशक पढ़ाई करने वाले प्रतिभासंपन्न छात्र, शोधकर्ता और चिकित्सा जगत से जुड़े लोग पात्र हैं. गोल्डन वीजा धारकों के लिए यूएई ने निवास की अवधि 10 साल की दी गई है.

पहले 6 महीने तक यूएई से बाहर रहने वाले किसी भी गोल्डन वीजा धारक की देश में सभी अधिकार खत्म कर दिए जाते थे लेकिन 10 साल की गोल्डन वीजा नियम के तहत ये प्रावधान अब समाप्त कर दिया गया है. गोल्डन वीज़ा के तहत विज्ञान-अभियांत्रिकी, चिकित्सा, आईटी, बिज़नेस, प्रशासन और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े कुशल लोगों को यूएई में निवास करने की अनुमति रहेगी. इसके लिए पहले चल रहे प्रावधानों के तहत ऐसे पेशेवरों को वहां रहने के लिए हर महीने 50 हजार एईडी (दिरहम) यानी लगभग 11 लाख रुपये से ज्यादा वेतन हासिल करना होता था लेकिन अब इसे घटा कर 30 हजार एईडी यानी 6.6 लाख रुपये कर दिया गया है.

फ्लेक्सिबल मल्टी-एंट्री टूरिस्ट वीज़ा की शुरुआत

पूर्व के नियमों के मुताबिक, टूरिस्ट वीज़ा पर यूएई जाने वाले लोग 30 साल तक वहां रह सकते थे लेकिन न्यू एडवांस वीजा सिस्टम के तहत ये अवधि 60 दिन और बढ़ा दी गई है. इसके साथ ही देश में अब एक फ्लेक्सिबल मल्टी-एंट्री टूरिस्ट वीजा भी शुरू किया गया है जो किसी भी टूरिस्ट इमिग्रेंट को यूएई से कई बार दूसरे देश आ-जा सकने की अनुमति देता है. इस नीति की वजह से अब से नौकरी के लिए यूएई जाने वाले लोगों के लिए किसी स्पॉन्सर या होस्ट की जरूरत नहीं पड़ेगी.

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