किसी भी दशा में ड्रेन में न जाये सॉलिड वेस्ट, नगर आयुक्तों के साथ बैठक में बोले मुख्य सचिव मनोज कुमार

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में नगरीय निकायों में स्वच्छता ही सेवा, 2024 अभियान के सफल क्रियान्वयन के संबंध में ...

लखनऊः मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में नगरीय निकायों में स्वच्छता ही सेवा, 2024 अभियान के सफल क्रियान्वयन के संबंध में सभी नगर आयुक्तों के साथ वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक आयोजित की गई। अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि स्वच्छता ही सेवा वर्ष 2024 अभियान की थीम स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता है। यह अभियान 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर के मध्य विगत वर्षों की भांति चलाया जायेगा। अभियान के तहत मोहल्ला और शहर को स्वच्छ बनाया जाये। यह सुनिश्चित कराना होगा कि सॉलिड वेस्ट किसी भी दशा में ड्रेन में न जाये।

उन्होंने कहा कि निकाय स्तर पर ऐसा मॉडल तैयार करना चाहिए सालिड वेस्ट वार्ड अथवा मोहल्ले के बाहर न जाये। आर्गेनिक सॉलिड वेस्ट वार्ड लेवल अथवा मोहल्ले स्तर पर कम्पोस्टिंग की व्यवस्था हो। कुछ सॉलिड वेस्ट जैसे-प्लास्टिक, लोहा और लकड़ी को जिला स्तर पर एकत्रित कर ट्रीटमेंट की व्यवस्था की जा सकती है। यह बिल्कुल साफ होना चाहिए कौन सा कूड़ा वार्ड के बाहर जायेगा और कौन सौ कूड़ा वार्ड में ही निस्तारित किया जायेगा।

मुख्य सचिव ने कहा कि शहरी क्षेत्र में ऐसा कोई भी घर नहीं होना चाहिये, जिसके ट्वायलेट का पानी सीधे नाले या नदी में प्रवाहित हो। ऐसे घरों को चिन्हित किया जाये, जिनके ट्वायलेट का पानी सीधे नाले में गिर रहा है, उन्हें तत्काल नोटिस इश्यू किया जाये कि वह सोक पिट के साथ सेफ्टी टैंक बनायें। अगर सेफ्टी टैंक के लिए जगह नहीं है, तो वह बलराम मॉडल अपना सकते हैं, यह बहुत ही कम जगह में बन जाता है। यह कार्य शीर्ष प्राथमिकता पर होना चाहिये। यह भी कहा कि सभी नगर निगमों द्वारा सेफ्टिक टैंक की सफाई करने वाले व्यक्तियों को इम्पैनल्ड किया जाये और जहां-जहां एसटीपी हैं, वहां पर जल निगम के द्वारा पम्पिंग स्टेशन पर ट्रीटमेंट फैसिलिटी डेवलप किया जाये।

बैठक में बताया गया कि स्वच्छता ही सेवा 2024 के तीन मुख्य घटक है- प्रथम स्वच्छता की भागीदारी, द्वितीय संपूर्ण स्वच्छता तथा तृतीय सफाई मित्र सुरक्षा शिविर है। स्वच्छता की भागीदारी के अंतर्गत मुख्यमंत्री, मंत्रिगण, जनप्रतिनिधियों, अधिकारीगणों एवं स्वयं सेवी संस्थाओं व स्कूल कॉलेजों द्वारा स्वच्छता के प्रति साफ-सफाई करते हुए विभिन्न स्थलों पर श्रमदान किया जाएगा। युवाओं की भागीदारिता एवं स्वच्छता की जागरूकता हेतु विभिन्न आईईसी कार्यक्रम कराये जायेंगे। आईईसी कार्यक्रम के तहत प्लॉगरन, मैराथान, साईक्लॉथान, पौधरोपड़, जीरो वेस्ट ईवेंट, स्वच्छ वातावरण प्रोत्साहन समिति के सदस्यों द्वारा वार्डों में जन-जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। यह भी बताया गया कि वर्तमान में लगभग 5000 स्वच्छ सारथी क्लब प्रदेश में स्थापित किये गये हैं। विभिन्न अभियानों के माध्यम से क्लबों की सहभागिता करायी जायेगी। स्कूल परिसरों को प्लास्टिक मुक्त, शिक्षण संस्थानों के परिसर की साफ-सफाई तथा छात्रों को स्वच्छता की प्रतिज्ञा दिलायी जायेगी।

संपूर्ण स्वच्छता के अंतर्गत बड़े पैमाने पर सार्वजनिक स्थान, सरकारी कार्यालय, बाजार, शिक्षण संस्थानों, चिड़ियाघर, गंगा टाउन-घाट, जल निकाय, पर्यटन स्थल, धार्मिक, आध्यात्मिक विरासत स्थल, सभी शौचालयों आदि में स्वच्छता अभियान चलाया जायेगा। प्रत्येक वार्ड में स्वच्छ वातावरण प्रोत्साहन समिति का गठन किया गया है, जो प्रत्येक वार्ड में विभिन्न घटक के आधार पर चयन करें, स्वच्छ घर हेतु सर्वेक्षण में भूमिका निभाएगी व प्रत्येक वार्ड में सर्वश्रेष्ठ 3 घरों को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जायेगा एवं प्रत्येक वार्ड में उत्कृष्ट कार्य करने वाले सफाई कर्मियों को सम्मानित किया जायेगा। राष्ट्र को स्वच्छता का संदेश देने वाले महात्मा गांधी के 155वें जन्मदिवस के अवसर पर स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के तहत समस्त नगरीय निकायों में 155 घंटे का दैनिक आधार पर थीम आधारित आईईसी गतिविधियों के माध्यम से नॉन-स्टॉप सफाई अभियान चलाकर श्रद्धांजलि दी जायेगी।

स्वच्छता लक्षित इकाई के अंतर्गत निकायों में ऐसे समस्त स्थान जहां नियमित रूप से साफ-सफाई नहीं हो पाती है, को पोर्टल पर ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित कर पखवाड़े के अंतर्गत विभिन्न स्वयं सहायता समूह व अन्य स्टेक होल्डर के माध्यम से स्वच्छ बनाया जायेगा। सफाई मित्र सुरक्षा शिविर के अंतर्गत स्वच्छता कर्मियों को स्वास्थ्य जांच और स्वास्थ्य बीमा कराया जायेगा तथा उनके लिए उपलब्ध सरकारी योजनाओं के बारे में जागरुक किया जायेगा।

बैठक में सचिव नगर विकास अजय कुमार शुक्ला, अपर निदेशक स्थानीय निकाय ऋतु सुहास, नगर आयुक्त लखनऊ इन्द्रजीत सिंह सहित अन्य अधिकारीगण आदि मौजूद रहे।

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