निकाय चुनाव: आज छुट्टी के दिन भी हाईकोर्ट में सुनवाई, नहीं आया फैसला तो टल सकता है चुनाव

याचिका में आरक्षण नियमों को लेकर सवाल उठाये गए थे, जिस पर कोर्ट में पिछले कई दिनों से सुनवाई हो रही है और आज छुट्टी के दिन भी इस मामले में सुनवाई होनी है और आज इस पर फैसला आने की भी उम्मीद है।

उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मियां जोरों पर है। ऐसे में सभी की नजर हाईकोर्ट के आदेश पर टिकी हुई हैं। नगर निगम के चुनाव को लेकर कुछ दिनों पहले आरक्षण सूची जारी की थी, जिसे लेकर इलाहबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, इस याचिका में आरक्षण नियमों को लेकर सवाल उठाये गए थे, जिस पर कोर्ट में पिछले कई दिनों से सुनवाई हो रही है और आज छुट्टी के दिन भी इस मामले में सुनवाई होनी है और आज इस पर फैसला आने की भी उम्मीद है।

कल की सुनवाई पर सभी की निगाहें थी लेकिन नए मामले अधिक होने के कारण इस पर सुनवाई नहीं हो पाई। हाईकोर्ट में 24 दिसंबर से लेकर 31 दिसंबर तक शीतकालीन अवकाश है इसके बाद 1 जनवरी को रविवार है ऐसे में अगर आज मामला टलता है तो फिर कोर्ट खुलने पर ही सुनवाई हो पाएगी। ऐसे में अगर आज फैसला नहीं आता तो चुनाव के टलने की भी उम्मीद है। गुरुवार और शुक्रवार को सुनवाई ने हो पाने के कारण आज अवकाश होने के बाद भी कोर्ट ने दोनों पक्षों के अनुरोध पर सुनवाई करने का निर्णय लिया है। आज शनिवार को इस मामले पर बहस होगी और फैसला आने की भी उम्मीद जताई गई है।

निकाय चुनाव यानी कि शहर की सरकारों की समयावधि 14 से 19 दिसंबर के बीच समाप्त हो गई है। ऐसे में चुनाव को लेकर पहले सीटों को आरक्षित करने को लेकर आरक्षण सूची जारी की गई थी, जिसको लेकर कुछ लोगों ने ओबीसी आरक्षण को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण लागू करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले की लखनऊ खंडपीठ में आज अंतिम सुनवाई होने की उम्मीद जताई जा रही है।

गौरतलब है कि इस संबंध में पहली सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा था कि साल 2017 के आरक्षण के सर्वे को आधार माना जाए। हलफनामे में राज्य सरकार कहा कि इसी सर्वे को ट्रिपल टेस्ट माना जाए। फिलहाल मामले के निस्तारण तक चुनाव अधिसूचना जारी करने पर रोक जारी रहेगी। अब सभी की निगाहें आज यानि शनिवार 24 दिसंबर को कोर्ट के फैसले पर रहेगी। अगर आज सुनवाई न हुई तो फिर अगली सुनवाई शीतकालीन अवकाश के बाद जनवरी में होने की संभावना है। जिससे निकाय चुनाव में भी देरी होने की संभावना है।

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