सभी मंदिरों को ऑनलाइन लाने का लक्ष्य पूरा करेगा VAMA, लोग घर बैठे करेंगे दर्शन- आचार्य देव

मंदिरों की बात करें तो नेपाल का पशुपति नाथ, सोमेश्वर मंदिर प्रयागराज, ज्वाला देवी हिमाचल, हनुमान गढ़ी, चौकिया धाम शीतला माता मंदिर जौनपुर...

वामा (वर्चुअल एस्ट्रोलॉजी मंदिर ऐप) के संस्थापक डा. ज्योतिषाचार्य आचार्य देव जी ने वामा ऐप की स्थापना तब की जब वैश्विक महामारी कोरोना ने दुनिया को अपनी चपेट में लिया था। तब आचार्य देव ने बंद मंदिरों की तरफ निगाह की और ऊनके मन में ख्याल आया कि ये मंदिर जो हमारी हर मनोकामना पूरी करते हैं। मंदिर के महंत, पंडित जो हमारे लिए हमेशा तत्पर रहते हैं इनके लिए कुछ करना चाहिए। तब आचार्य देव ने वामा की स्थापना की।

आचार्य देव ने बताया कि जब कोविड-19 चल रहा था तो मंदिर सुनसान पड़ी थीं. वहां के पुजारियों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया था. ऐसे में इस तरह के हालातो में भी मंदिरें चलती रहें इसीलिए इस मोबाइल एप्लीकेशन को बनाया गया है. इससे मंदिर और पुजारियों को भी फायदा होगा, साथ ही जिनके बड़े बुजुर्ग आने-जाने में असमर्थ हैं या जिनके पास यात्रा करने का वक्त नहीं है उन्हें भी घर बैठे ही आसानी से सारी सुविधा मिलेगी।

आचार्य देव ज्योतिष और पूर्ण पूजा सेवाओं के प्रमुख हैं। वह तीसरी पीड़ी के एक प्रतिष्ठित ज्योतिषी, अंकशास्त्री और वास्तु विशेषज्ञ हैं, जिनके पास पी.एच.डी. डिग्री के साथ एक बड़े समुदाय का समर्थन है। उनके नेतृत्व में हजारों लोगों को उनके जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में शांति और सफलता प्राप्त हुई है। आचार्य देव अपने साथ सैकड़ों प्रसिद्ध ज्योतिषियों और प्राचीन मंदिरों का एक शक्तिशाली संजाल लेकर आए हैं। आचार्य देव को कुछ समय पहले अमेरिका में डॉक्टरेट को उपाधि से भी नवाजा गया था। आचार्य देव ने अपने बाल्य काल में कुछ ऐसी भविष्यवाणियां की जो सच हुई। जिसके बाद उनका रुझान ज्योतिष विद्या की तरफ तेजी से बड़ा और आज वो ज्योतिष की दुनिया का जाना पहचाना नाम हैं। यही नहीं अपने वामा ऐप को सहायता से ही उन्होंने सैकड़ों लोगों को रोजगार भी दिया। आचार्य देव ने वामा के द्वारा सिर्फ आध्यात्म और सनातन को पूरे विश्व मैं फैलाने की तरफ जोर दिया है और उसके लिए वो प्रयासरत भी हैं।

क्या है वामा

वामा ऐप एक ऐसा ऐप है जिससे आप देश के किसी भी कोने में बैठकर किसी भी मंदिर में अपने नाम से पूजा पाठ करा सकते हैं. वहां के दर्शन कर सकते हैं. आरती देख सकते हैं और तो और मंदिर में दान भी कर सकते हैं। और यह सब को लाइव दिखाया जाएगा। इस तरह दुनिया भर के मंदिर वामा एप के द्वारा अब धीरे धीरे डिजिटल हो रहे हैं।

सबसे अच्छी बात ये है कि इसका ऑनलाइन भुगतान मात्र 500 रूपए से शुरू है. इसके बाद आचार्य देव की टीम भक्तों से संपर्क करती है और बताती है कि आज उनकी पूजा है उन्हें स्नान करके बैठना है और पूजा देखते हुए पुजारी के साथ जो मंत्रों को बताया जाए उन्हें दोहराना है।

इस मोबाइल एप के जरिए आप घर बैठे ज्योतिष से अपनी कुंडली के बारे में सब कुछ जान सकते हैं. इसके साथ ही ऋण मुक्ति पूजा, काल सर्प दोष, बाल गोपाल संतान प्राप्ति, शनि शिंगणापुर में अपने नाम से अभिषेक, पितृदोष शांति पूजा, काशी की मंदिर में पूजा पाठ के साथ ही नेपाल के पशुपतिनाथ में भी पूजा करा सकते हैं और दर्शन कर सकते हैं और अपनी इस पूजा को लाइव होता हुआ भी देख सकते हैं।

किसी भी मंदिर की पूजा आरती देखने के लिए आपको किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना होगा।

भक्त सभी पुजारीयों के साथ मंत्रों का उच्चारण भी कर सकते हैं. यह सब कुछ संभव हो पाया है लखनऊ के रहने वाले ज्योतिषाचार्य आचार्य देव जी कि वजह से, आचार्य देव ने बताया कि उन्होंने इस मोबाइल एप्लीकेशन को कोविड -19 के दौरान बनाना शुरू किया था. डेढ़ साल में यह मोबाइल एप्लीकेशन बनकर तैयार हुई है. इसमें उनके साथ हिमांशु और मनु जैन भी जुड़े हुए हैं, जोकि टेक्निकल जानकारी रखते हैं. वह क्योंकि पीढ़ी दर पीढ़ी ज्योतिष के परिवार से आते हैं ऐसे में उनको टेक्निकल जानकारी वर्ष 2012 में हुई थी जब वह कुछ निजी कंपनियों के लिए ऑनलाइन ज्योतिष परामर्श का काम देख रहे थे।

आचार्य देव ने बताया कि सबसे पहले आपको इस मोबाइल एप्लीकेशन को मोबाइल के प्ले स्टोर या एप्पल स्टोर से जाकर डाउनलोड करना होगा. डाउनलोड करने के बाद उसमें मांग रही आपकी सभी जानकारी भरनी होगी. इसके बाद ज्योतिष से सलाह लेनी है तो उसमें दिए गए विकल्प पर क्लिक करना होगा और अगर पूजा करानी है तो पूजा का एक विकल्प दिया गया है. उस पर क्लिक करना होगा।

इसके बाद सभी मंदिरों और पूजा की जानकारी आ जाएगी. जो भी पूजा आपको करानी है, जिस किसी भी मंदिर में करनी है. जिसके लिए वो मंदिर मशहूर है तो आप उसे चुन सकते हैं. उस पर अपनी जानकारी भरने के साथ ही ऑनलाइन भुगतान भी कर सकते हैं. व्यक्ति की पूजा पूरी हो जाती है और उसकी रिकॉर्डिंग करके भी उसे भेज दिया जाता है.

मंदिरों की बात करें तो नेपाल का पशुपति नाथ, सोमेश्वर मंदिर प्रयागराज, ज्वाला देवी हिमाचल, हनुमान गढ़ी, चौकिया धाम शीतला माता मंदिर जौनपुर, नैना देवी हिमाचल प्रदेश शनि शिंगणापुर जैसे तमाम मंदिर वामा एप से जुड़ चुके है जबकि लखनऊ के चंद्रिका देवी मंदिर और सीतापुर के नैमिषारण्य से बात चल रही है

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