गाज़ियाबाद : नगर निगम में 14 साल तक तैनात रहे अकाउंट अफसर अरुण मिश्रा की विजिलेंस ने संपत्ति की खुली जांच शासन के आदेश पर शुरू की हैं। जिसमे गाज़ियाबाद नगर निगम के आयुक्त को पत्र भेजकर आगरा के एसपी विजिलेंस ने अरुण मिश्रा से सबंधित 24 बिंदुओं पर जानकारी मांगी हैं। इस पूरे प्रकरण की जांच इंस्पेक्टर विनोद कुमार के द्वारा की जा रही है। उत्तर प्रदेश शासन के आदेश पर विजिलेंस की टीम ने 18 फरवरी को लेटर जारी कर यह जांच आख्या मांगी है। जो कि नगर निगम में मंगलवार को ही पहुंची है नगर आयुक्त ने इस संबंध में अपर नगर आयुक्त को निर्देशित कर विजिलेंस की टीम द्वारा मांगी गई सभी जानकारियां मुहैया कराने के आदेश दिए हैं।
इन बिंदुओं पर मांगी गई है जानकारी
अरुण मिश्रा के सेवा विवरण से संबंधित सेवा प्रारूप के मुताबिक 11 बिंदुओं पर जानकारियां मांगी गई हैं। जिसमें उनके स्थाई पते से लेकर सेवा में आने की और रिटायरमेंट की तिथि, सेवा के दौरान किन जनपदों में तैनाती संबंधित जानकारी मांगी गई है। अरुण मिश्रा के सेवाकाल के दौरान दंड नियमावली से संबंधित भी जानकारी मांगी गई है। इसके अलावा अकाउंट अफसर की सेवा में आने से लेकर 31 दिसंबर 2021 तक का वेतन विवरण भी मांगा गया है जिसमें उनके कुल वेतन के अलावा सामान्य कटौतियां, अतिरिक्त कटौती और शुद्ध वेतन की जानकारी मांगी गई है। विजिलेंस डिपार्टमेंट ने अरुण मिश्रा के सेवाकाल के दौरान जीपीएफ द्वारा क्या कोई पैसा निकाला है और किस कार्य के लिए निकाला गया है इसका भी विवरण मांगा है सर्विस बुक की कॉपी, सेवाकाल के दौरान खरीदी गई चल-अचल संपत्तियों के संबंध में विभाग द्वारा ली गई अनुमति, उसके अलावा अकाउंट अफसर द्वारा हर साल अपनी संपत्ति घोषित करने का विवरण (सेवा नियमावली के अनुसार) भी मांगा गया हैं।
क्या बोले नगर आयुक्त
नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने बताया है कि नगर निगम को एसपी विजिलेंस का पत्र मंगलवार को ही मिला है। जिसके बाद अपर नगर आयुक्त शिवपूजन यादव को विजिलेंस द्वारा मांगी गई सभी जानकारी इकट्ठा कर जांच अधिकारी को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है।
सत्ता में रसूख के चलते 14 साल एक ही जगह टिका रहा अरुण मिश्रा।
नगर निगम के अकाउंट ऑफिसर रहे अरुण मिश्रा ने अपने सेवाकाल के 14 साल गाजियाबाद नगर निगम में ही तैनाती के रूप में पूरे किए हैं करीब 4 साल पहले उनका तबादला अन्य जनपद में कर दिया गया था लेकिन कुछ दिनों बाद वापस उन्होंने गाजियाबाद में ही चार्ज ले लिया। सूत्र बताते हैं किस सत्ता में ऊंची पहुंच के कारण उन्हें आशीर्वाद प्राप्त था लखनऊ में सरकार किसी की भी हो लेकिन नगर निगम में सिक्का और मिश्रा का ही चलता था। बीएसपी और सपा के कार्यकाल के बाद भाजपा सरकार में अगस्त 2021 में अरुण मिश्रा का तबादला मुरादाबाद नगर निगम में किया गया जिसके बाद उन्हें रिलीव किया गया था। वह अभी मुरादाबाद नगर निगम में तैनात हैं।