मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने सोमवार को कहा कि सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम, 1958 (AFSPA) को निरस्त कर दिया जाना चाहिए। दरअसल, नागालैंड में हुई नागरिक हत्याओं के कारण अब स्थानीय लोग दबे स्वर में यह बात कर रहे हैं कि सुरक्षाबलों से AFSPA वापस ले लिया जाए।
लोगों के इन्हीं स्वरों को उठाते हर मेघालय के मुख्यमंत्री ने यह बयान दिया। नागलैंड और मेघालय समेत पूर्वोत्तर के नक्सल प्रभावित कुछ राज्यों में काम करने वाले NGO, सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्वोत्तर क्षेत्र के कई राजनीतिक नेता सालों से इस “कठोर” कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। वे सुरक्षाबलों पर इस अधिनियम की आड़ में लोगों पर ज्यादती लड़ने का आरोप लगाते हैं।
AFSPA, अशांत माने जाने वाले क्षेत्रों में सशस्त्र बलों को विशेष अधिकार प्रदान करता है। मेघालय में भाजपा की सहयोगी राजनैतिक पार्टी NPP (National People’s Party) के नेता और राज्य के मुख्यमंत्री संगमा ने ट्वीट किया, “AFSPA को निरस्त किया जाना चाहिए।”
AFSPA should be repealed
— Conrad Sangma (@SangmaConrad) December 6, 2021
राज्य कांग्रेस ने भी मुख्यमंत्री का समर्थन किया और उनसे इस मुद्दे पर परामर्श के लिए एक बैठक बुलाने का आग्रह किया। कांग्रेस विधायक अम्परिन लिंगदोह ने संगमा के जवाब में ट्वीट किया, “हमें अपने लोगों पर इस कठोर उत्पीड़न को तत्काल निरस्त करने की मांग करने के लिए बाहर जाना चाहिए। कृपया जल्द से जल्द एक परामर्श बुलाएं।”