कोटा में पढ़ने वाले बच्चे क्यों दे रहे जान, क्या पढ़ाई बना रही रोबोट,या फिर बदल जा रहा दिमाग, आखिर इसकी वजह क्या ?

कोटा में पिछले कुछ सालों से हालात काफी ज्यादा बदले हुए दिखाई दे रहे हैं. राजस्थान के कोटा में स्टूडेंट्स के सुसाइड करने का सिलसिला काफी ज्यादा बढ़ गया है.

डिजिटल डेस्क- कोटा एक ऐसी जगह है जो इंजीनियरिंग के कोर्स और मेडिकल की पढ़ाई के लिए काफी ज्यादा जरुरी मानी जाती है. दूर-दूर से बच्चे पढ़ने के लिए कोटा जाते हैं,उनके परिवार वाले उन्हें इस फील्ड में अपना करियर बनाने के लिए कोटा को ही सेजेस्ट करते हैं और कोटा को ही बेस्ट जगह मानी जाती है.

लेकिन कोटा में पिछले कुछ सालों से हालात काफी ज्यादा बदले हुए दिखाई दे रहे हैं. राजस्थान के कोटा में स्टूडेंट्स के सुसाइड करने का सिलसिला काफी ज्यादा बढ़ गया है. पता नहीं यहां पढ़ने करने वाले बच्चे ज्यादा प्रेशर लेने लग गए है. या माहौल ही उन्हें पढ़ाई करने वाला रोबोट बना रहा है.जिससे वो हताश होकर इस तरीके का कदम उठा रहे है.

बीते दिनों भी कुछ ऐसा ही हुआ है. नीट की तैयारी कर रहे छात्रों ने अपनी जान दे दी. करीब 4 घंटे के अंदर ही ये दोनों ही घटना हुई. दोनों स्टूडेंट्स के सुसाइड के बादराजस्थान सरकार ने कोटा के कोचिंग सेटरों में रुटीन टेस्ट कराने पर दो महीने के लिए रोक लगा दी है.

बता दें कि पढ़ाई के हर एक सेक्टर को मिलाकर कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए देशभर से हर साल लगभग दो लाख स्टूडेंट्स आते हैं.

पिछले कुछ महीने

पिछले 6 महीनों के अंदर हुए इस तरीके के हादसों की बात करें तो साल की शुरुआती महीने के साथ अभी तक सुसाइड के 24 केस सामने आ चुके है. हद तो ये है कि सिर्फ अगस्त के महीने में ही 6 स्टूडेंट्स ने अपनी जान को दांव पर लगा दिया. सुसाइड करने वालों में तो कुछ छात्र ऐसे भी हैं. जिन्हें दाखिला लेने के बाद थोड़ा ही समय हुआ था.

इस हिसाब से अंदाजा लगाया जाए तो हर महीने में करीब 3 छात्र मौत को गले लगा रहे हैं और ये कोई आम बात नहीं है. बात करें साल 2022 की तो. इस साल में भी 15 छात्रों ने आत्महत्या की थी. यहां 2015 से 2019 के बीच 80 स्टूडेंट्स ने सुसाइड किया है.

आखिर वजह क्या है जो अच्छे खासे बच्चे मौत को गले लगाना पसंद कर रहे हैं.उनपर पढ़ाई का ही प्रेशर है.या फिर अकेले रहते हुए उनकी मनोदशा बिल्कुल ही बदल जाती है. आखिर क्यों बच्चे इस तरीके का कदम उठा रहे हैं. ये बहुत गंभीर सवाल है.

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