क्या उन्नाव से भाजपा प्रत्याशी साक्षी महाराज लगा पाएंगे हैट्रिक ? जाने उन्नाव के समीकरण

Election 2024 : उत्तर प्रदेश का जिला उन्नाव अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है. प्रदेश की राजधानी लखनऊ एवं प्रदेश की व्यापारिक राजधानी कानपुर के बीच बसा जिला अपना महत्व राष्ट्रीय पटल पर रखता हहै जनपद उन्नाव साहित्य के मामले में विशेष स्थान रखता है यहां पर प्रताप नारायण मिश्र, गया प्रसाद शुक्ला, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, नंद दुलारे बाजपेई, सुमित्रा कुमारी सिंह, मौलाना हजरत मोहनी, भगवती चरण वर्मा, प्रताप नारायण मिश्रा एवं शिवमंगल सिंह सुमन जैसे साहित्यकारों का सम्बन्ध रहा है . यही की बैसवारा की भूमि से राष्ट्रीय आल्हा सम्राट लल्लू बाजपेयी भी आते है.
जनपद उन्नाव चमड़ा उद्योग, जरी जरदोजी के काम को लेकर एक अलग पहचान रखता है.

जनपद उन्नाव की लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा 2014 से लगातार कायम है.2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में साक्षी महाराज यहां से रिकॉर्ड मतों से जीत कर निर्वाचित हुए थे. 2024 के होने वाले लोकसभा चुनाव में पुन: भारतीय जनता पार्टी के द्वारा साक्षी महाराज पर दाव लगाया गया है वर्तमान सांसद के सामने इंडिया गठबंधन की प्रत्याशी पूर्व सांसद अन्नू टंडन हैं, वहीं बहुजन समाज पार्टी की ओर से वरिष्ठ पत्रकार अशोक पांडे उम्मीदवार हैं.

उन्नाव लोकसभा क्षेत्र देश की कुछ चुनिंदा सबसे बड़े लोकसभा क्षेत्र में से एक है जनपद उन्नाव अवध क्षेत्र के दायरे में आता है जनपद उन्नाव का लोकसभा क्षेत्र 2008 में हुए नए परिसीमन के बाद से 6 विधानसभा क्षेत्र में विभाजित किया गया है क्रमशः भगवंत नगर, सफीपुर, मोहन, बांगरमऊ और उन्नाव सदर, इन सभी विधानसभा क्षेत्र से मिलकर जनपद उन्नाव की लोकसभा सीट का सांसद चुना जाता है. उन्नाव लोकसभा सीट में कुल 23,34,196 मतदाता हैं। जिसमें पुरुष वोटरों की संख्या कि 12,39,723 और महिला वोटरों की संख्या 10,94,371 है।

उन्नाव लोकससभा सीट पर कांग्रेस ने 8 बार जीत दर्ज की है. जबकि भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों ने 5 बार जीत हासिल की है. समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को एक-एक बार जीत मिली है. पिछले 10 साल से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है. चलिए आपको उन्नाव लोकसभा सीट का समीकरण और इतिहास बताते हैं.

पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार साक्षी महाराज ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अरुण शंकर शुक्ल को 4 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था. साक्षी महाराज को 7 लाख से ज्यादा वोट मिले थे, जबकि अरुण शंकर शुक्ल को 3 लाख वोट मिले थे. इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार अन्नू टंडन को एक लाख 85 हजार वोट मिले थे.

उन्नाव लोकसभा सीट पर पहली बार साल 1952 के आम चुनाव में वोट डाले गए थे. इस सीट पर कांग्रेस ने लगातार 5 बार जीत हासिल की. पहले चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार विश्वंभर दयाल त्रिपाठी ने जीत दर्ज की. उन्होंने साल 1957 आम चुनाव में भी जीत हासिल की. साल 1962 आम चुनाव में कांग्रेस के कृष्ण देव त्रिपाठी विजयी हुए. इसके बाद कृष्ण देव ने साल 1962, साल 1967 और साल 1971 में जीत दर्ज की.

आपातकाल के बाद साल 1977 में हुए आम चुनाव में जनता पार्टी के राघवेंद्र सिंह को जीत मिली. लेकिन साल 1980 आम चुनाव में कांग्रेस के जियाउर्रहमान अंसारी ने जीत हासिल की. वह 1984 के आम चुनाव में फिर से सांसद चुने गए. साल 1989 आम चुनाव में जनता दल के अनवर अहमद सांसद चुने गए.

उन्नाव लोकसभा सीट पर बीजेपी ने पहली बार साल 1991 के चुनाव में जीत दर्ज की. बीजेपी के देवी बक्स सिंह सांसद चुने गए. इसके बाद देवी बक्स सिंह लगातार 3 बार सांसद चुने गए. उन्होंने साल 1991, साल 1996 और साल 1998 आम चुनाव में जीत दर्ज की. लेकिन साल 1999 आम चुनाव में समाजवादी पार्टी के दीपक कुमार ने जीत हासिल की.

साल 2004 आम चुनाव में बीएसपी को इस सीट पर पहली बार जीत मिली. बीएसपी उम्मीदवार ब्रजेश पाठक सांसद चुने गए. साल 2009 आम चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर अन्नू टंडन सांसद बनीं. लेकिन साल 2014 आम चुनाव में बीजेपी के साक्षी महाराज सांसद चुने गए. साक्षी महाराज ने साल 2019 आम चुनाव में भी जीत हासिल की.

उन्नाव लोकसभा सीट के तहत 6 विधानसभा सीटें आती हैं. इसमें बांगरमऊ, सफीपुर, मोहन, उन्नाव, भगवंतनगर और पूर्वा सीटें शामिल हैं. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में सभी सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की. बांगरमऊ सीट से श्रीकांत कटियार, सफीपुर से बंबा लाल दिवाकर, मोहन से ब्रजेश रावत, उन्नाव सदर से पंकज गुप्ता, भगवंतनगर से आशुतोष शुक्ला और पुरवा से अनिल कुमार सिंह विधायक चुने गए.

उन्नाव लोकसभा क्षेत्र में जातीय समीकरण के अनुसार लोधी वोटों की अच्छी खासी संख्या है. इसके अलावा इस सीट पर दलित वोट निर्णायक भूमिका में हैं. इस सीट पर लगभग 28-30% वोटर अनुसूचित जाति के वोटर हैं. जबकि मुस्लिम वोट की संख्या लगभग 10-12% है.

लेखक – मुनीष त्रिपाठी,पत्रकार, इतिहासकार और साहित्यकार है ।

Related Articles

Back to top button