अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे को लेकर सियासी घमासान शुरू हो चूका है। यह घमासान आने वाले दिनों में और भी तेज हो सकता है क्योंकि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली राज्य सरकार यमुना एक्सप्रेसवे का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रख सकती है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के शिलान्यास समारोह में नए नाम की घोषणा कर सकते हैं।
भाजपा नेता नविन जिंदल ने अपने आधिकारिक कू हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा,”जल्द ही यमुना एक्सप्रेस वे का नाम श्री अटल बिहारी वाजपेयी एक्सप्रेस वे होगा। जय श्री राम।”
भाजपा के लिए यह कोई पहली बार नहीं है जब किसी परियोजना का नाम बदलने की खबर हो। बता दें कि, इससे पहले साल 2018 में दिवंगत पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के लगभग तीन महीने बाद, योगी सरकार ने राज्य की राजधानी लखनऊ में इकाना अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का नाम बदलकर ‘भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम’ कर दिया था।
मार्च 2017 के बाद से, जब वर्तमान भाजपा सरकार यूपी में सत्ता में आई तो उसने कई शहरों और रेलवे स्टेशनों के नाम बदल दिए। इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज और फैजाबाद का नाम अयोध्या कर दिया गया। अपने सबसे हालिया कदम में, 23 अक्टूबर को, सत्तारूढ़ सरकार ने फैजाबाद रेलवे जंक्शन का नाम बदलकर अयोध्या कैंट कर दिया है।
छह लेन और 165 किलोमीटर की लम्बाई वाले यमुना एक्सप्रेसवे का उद्घाटन 9 अगस्त 2012 को समाजवादी पार्टी (सपा) के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था। इसका निर्माण 2007 में तत्कालीन सीएम मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सरकार के तहत शुरू हुआ था। यह मार्ग ग्रेटर नोएडा को आगरा से जोड़ता है, और इस प्रकार इसे कभी-कभी ‘ताज एक्सप्रेसवे’ के रूप में भी जाना जाता है।