Desk: बेटी को सुयोग्य वर मिले इसके लिए माता-पिता हर जतन करते हैं. अपनी लाडली की शादी में हैसियत से ज्यादा खर्च करने की कोशिश भी करते हैं, मगर उन लोगों का क्या जिन्हें दो वक्त की रोटी के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ती है. गरीब बेटियों की शादी के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत बीते पांच साल में तकरीबन दो लाख गरीब बेटियों की शादी करायी जा चुकी है. इसके साथ ही योगी सरकार बेटियों को उनका घर बसाने के लिए गृहस्थी का जरूरी सामान भी उपलब्ध करा रही है.
सीएम योगी ने शुरू की योजना
उत्तर प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद सीएम योगी ने अक्टूबर, 2017 में “मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना“ की शुरुआत की। इसके अन्तर्गत प्रदेशभर में विभिन्न समुदाय एवं धर्मों के रीति-रिवाजों के अनुसार वैवाहिक कार्यक्रम सम्पन्न कराए जा रहे हैं। इस योजना का एक उद्देश्य यह भी है कि विवाह उत्सव में होने वाले अनावश्यक प्रदर्शन एवं अपव्यय को समाप्त किया जाए। इसमें 2 लाख रुपये वार्षिक आय सीमा के अन्तर्गत आने वाले सभी वर्गों के परिवारों को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है.
गरीब बेटियों की शादी में 92 हजार लाख खर्च
बीते पांच साल में अबतक 1,91,686 गरीब कन्याओं की गृहस्थी बसाने में सरकार ने 91,996.85 लाख रुपए खर्च किये हैं. वहीं वित्तीय वर्ष 2022-23 में अबतक 15,268 गरीब कन्याओं की शादी सरकार करा चुकी है, जिसमें 7786.68 लाख रुपये खर्च किये गये हैं. बीते वित्तीय वर्ष की बात करें तो सरकार ने 49,644 बेटियों के हाथ पीले कराये हैं.
21 हजार से ज्यादा अल्पसंख्यक बेटियों की भी करायी शादी
बीते पांच साल में अबतक 21 हजार से ज्यादा अल्पसंख्यक वर्ग की बेटियों की शादी उनके धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार करा चुकी हैं। यही नहीं अनुसूचित जाति और जनजातियों की 101928 बेटियां भी सरकार के सहयोग से विवाह बंधन में बंध चुकी हैं. इसके अलावा ओबीसी वर्ग की 60,875 गरीब लाडलियों ने योगी सरकार से मदद प्राप्त करके दाम्पत्य जीवन में प्रवेश किया है. सामान्य वर्ग की 7858 बेटियों ने इस योजना का लाभ उठाया है.
हर बेटी के लिए खर्च किये जाते हैं 51 हजार रुपये
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत दाम्पत्य जीवन में खुशहाल गृहस्थी बसाने के लिए सरकार प्रति कन्या 51 हजार रुपये खर्च करती है. इसमें कन्या के खाते में 35 हजार रुपये की धनराशि का अनुदान देने के अलावा विवाह संस्कार के लिए आवश्यक सामग्री जैसे कपड़े, बिछिया, पायल, बर्तन आदि 10 हजार रुपये से खरीदे जाते हैं. साथ ही विवाह आयोजन पर 6 हजार रुपये की धनराशि खर्च की जाती है. प्रत्येक जिले के नगरीय निकायों, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत स्तर पर पंजीकरण कराने के साथ ही कम से कम 10 जोड़ों के विवाह पर सामूहिक विवाह के आयोजन की व्यवस्था है. इस योजना के अन्तर्गत विधवा, परित्यक्ता और तलाकशुदा महिलाओं के विवाह की भी व्यवस्था है.