Desk: कानपुर के घाटमपुर में खतरे के निशान के पार बह रही यमुना, लगातार का बढ़ रहा जलस्तर में बाढ़ का कहर लगातार जारी है. जनपद में दोनों नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. यमुना और गंगा दोनो नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है. आज प्रशासन ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया है और बाढ़ से निपटने के लिए सभी को सजग रहनें के निर्देस दिए हैं. लगातार बाधों से छोड़े जा रहे पानी के कारण जनपद में दोनों नदियां उफान पर हैं. अभी 5 बार पानी छोड़े जाने से यमुना नदी खतरे के निशान को पार कर ऊपर बह रही है, माताटीला बांध से 3 लाख 90 हजार क्यूसेक व लहचूरा बांध से 1 लाख 54 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.
अगर बात करें यमुना नदी की तो धौहलपुर बांध से 10 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जिससे यमुना नदी में 4 मीटर बढ़ जाएगा जो खतरे के निशान से 2 मीटर ऊपर रहेगा. प्रशासन का कहना है कि बाढ़ से निपटनें की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. शासन ने बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया है. लेकिन सबसे विचार करनें वाली बात ये है कि अभी तक बाढ़ चौकी बनायी ही नही गयीं हैं. वहीं यमुना की पानी नें अब तटवर्ती इलाके वाले करीब एक दर्ज़न गांवों को अपनी आगोश में ले लिया है जिससे ग्रामिणों की मुस्किलें बढ़ गई हैं. ग्रामीण अब ऊँचाई वाले इलाकों के लिए पलायन कर चुके हैं.
ग्रामीणों की माने तो प्रशासन ने अभी एक ही नाव का इंतजाम किया है. जिसमे कोई न कोई प्रशासन या जनप्रतिनिधि ही घूम कर पिकनिक मानते रहते हैं, वहीं बाढ़ में डूबे गाँवो का डीएम औऱ एसपी आऊटर ने बाढ़ प्रभावित गांवों में नाव से निरीक्षण किया और ग्रामीणों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया. वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण प्रशासन से मदद न मिलने का आरोप लगा रहे हैं.