
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना (PMIS) के तहत हाल ही में शुरू किए गए पायलट प्रोजेक्ट के विस्तार को लेकर केंद्र सरकार विचार कर रही है। इस बीच, एक सर्वेक्षण में सामने आया है कि 81 प्रतिशत कंपनियां इस सरकारी पहल का समर्थन करती हैं, वहीं 70 प्रतिशत से अधिक कंपनियां अपने 10 प्रतिशत इंटर्न्स को फुल-टाइम कर्मचारियों के रूप में अवशोषित करने के लिए तैयार हैं।
TeamLease EdTech सर्वे के अनुसार, लगभग 38 प्रतिशत कंपनियों ने इंटर्न्स के लिए सही कौशल सेट के अभाव को एक प्रमुख चुनौती के रूप में चिन्हित किया है, जो संगठन की जरूरतों से मेल खाते हों। सर्वेक्षण ने इस चुनौती से निपटने के लिए विश्वविद्यालयों में लक्षित कार्यक्रमों की आवश्यकता को भी उजागर किया है, जो उद्योग की मांगों के अनुरूप हों।
सरकार का उद्देश्य पांच वर्षों में भारत की शीर्ष कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को स्किल्ड बनाना है, जिसके तहत युवा 12 महीने तक वास्तविक व्यावसायिक माहौल, विभिन्न पेशे और रोजगार अवसरों से अवगत होंगे।
यह इंटर्नशिप योजना केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा जुलाई 2023 में बजट भाषण के दौरान घोषित की गई थी। योजना का लक्ष्य मार्च 2025 तक 1.25 लाख इंटर्नशिप अवसर प्रदान करना है।
सरकार इस योजना में सुधार करने पर विचार कर रही है ताकि अधिक से अधिक आवेदन प्राप्त किए जा सकें। ये बदलाव पायलट कार्यक्रम से प्राप्त अनुभव के आधार पर किए जाएंगे, जिसके बाद मंत्रालय को योजना के पूर्ण रूप से कार्यान्वयन के लिए कैबिनेट से स्वीकृति मिलनी चाहिए।
सर्वेक्षण में यह भी सामने आया कि अधिकांश कंपनियां (76 प्रतिशत) अपनी इंटर्नशिप कार्यक्रमों में टेक्नोलॉजी भूमिकाओं को प्राथमिकता दे रही हैं, ताकि डिजिटल कौशल वाले टैलेंट की मांग को पूरा किया जा सके।
सर्वे में शामिल एक-तिहाई कंपनियां अपनी CSR फंड्स का 20 प्रतिशत तक इंटर्नशिप कार्यक्रमों के लिए आवंटित करने की योजना बना रही हैं। वे इसे अन्य सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के लिए आवंटित बजट से काटने का विचार कर रही हैं।
सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि अधिकांश उत्तरदाता (73 प्रतिशत) मानते हैं कि इंटर्नशिप के लिए एक से छह महीने का समय सबसे उपयुक्त होता है, जिससे कौशल विकास और कार्यक्रम की दक्षता के बीच संतुलन बनाया जा सके।
इस योजना में भाग लेने वाली कंपनियों की पहचान Top 500 कंपनियों के रूप में की जाएगी, जो पिछले तीन वर्षों के औसत CSR खर्च के आधार पर चयनित होंगी।
TeamLease EdTech सर्वे ने यह भी बताया कि 81 प्रतिशत कंपनियां पीएम इंटर्नशिप योजना को सभी कंपनियों तक विस्तारित करने का समर्थन करती हैं, इसे CSR पहलों को नौकरी के अवसरों से जोड़ने और भविष्य-तैयार कार्यबल तैयार करने के एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में मानती हैं।