काशी में तिरुमला प्रसाद ग्रहण करने वाले कर रहे प्रश्चित, पंचगव्य से करा रहे शुद्धिकरण

आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के तिरुमला प्रसाद में फिश ऑयल और चर्बी मिलाए जाने की खबरों से सनातन धर्मियों में ....

वाराणसी। आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के तिरुमला प्रसाद में फिश ऑयल और चर्बी मिलाए जाने की खबरों से सनातन धर्मियों में आक्रोश व्याप्त है। संत समाज इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग कर रही है, तो वही प्रसाद ग्रहण करते वाले लोग आमग्लानी महसूस कर रहे है। अंजाने में मिलावटी तिरुमला प्रसाद ग्रहण करने वाले श्रद्धालुओं को प्रश्चित किए जाने के लिए धर्म की नगरी काशी में कर्मकांडी ब्राह्मण पंचगव्य से शुद्धिकरण करवा रहे है। काशी के मंदिरों में तिरुमला प्रसाद ग्रहण करने वाले लोग वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ अपना शुद्धिकरण कर आत्मग्लानी से बाहर आ रहे है।

जानिए क्या है पंचगव्य जिससे होता है शुद्धिकरण

धर्म की नगरी के पुरोहित श्रीकांत जोशी के अनुसार शालिग्राम भगवान की अराधना कर पंचगव्य यानी गाय के घी, दूध, दही, गोबर और मूत्र को कुश (घास) से सभी को मिलाकर उसे वैदिक मंत्रोचारण के साथ उसे ग्रहण कर शुद्धिकरण किया जाता है। तिरुमला प्रसाद ने मिलावट की खबरों के बाद काशी के पुरोहितों ने लोगो को निःशुल्क शुद्धिकरण करवाने की अपील किया। काशी के पुरोहित राजराजेश्वरी मंदिर में सोमवार को शुद्धिकरण के लिए तिरुमला प्रसाद ग्रहण करने वाले लोग पहुंचे। तीर्थ पुरोहितों ने वैदिक मंत्रों के साथ पंचगव्य से लोगो का शुद्धिकरण करवाया।

तिरुमला प्रसाद विवाद पर लोगो में आक्रोश, दोषियों पर कार्रवाई की मांग

वाराणसी में शुद्धिकरण के लिए पहुंचने वाले लोगो ने तिरुमला प्रसाद में मिलावट करने वाले दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। शुद्धिकरण करवाने वाले कमलाकांत, सुनील उपाध्याय और चुन्नू का कहना है, कि उन्होंने ने विगत साल में तिरुपति बालजी के मंदिर का प्रसाद ग्रहण किया। जब से उन्हें प्रसाद में फिश ऑयल और चर्बी से बने घी को प्रसाद में मिलाए जाने की खबर मिली तब से वह काफी आत्मग्लानी महसूस कर रहे थे। काशी के पुरोहितों से संपर्क करने पर पता चला कि शास्त्रों में शुद्धिकरण का प्रावधान है। ऐसे में सोमवार को हम सभी ने शुद्धिकरण के लिए पुरोहितों से संपर्क कर पंचगव्य से अपना शुद्धिकरण करवाया।

रिपोर्ट : नीरज कुमार जायसवाल, वाराणसी

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