Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय… वैसे तो ये सरकार के सबसे दबंग नेताओं के रूप में पहचाने जाते हैं. लेकिन अब ये अपनी दबंगई पत्रकारों पर भी दिखाने लगे हैं. दबंगई इतनी की सरेआम खुलकर धमकी दे रहे हैं.
सत्ता की हनक में पत्रकारों को धमकियां
दरअसल कैलाश विजयवर्गीय ने शहर में हुए एक पत्रकार वार्ता में धमकी भरे लहजे में कहा कि जिन्होंने मेरे खिलाफ खबरें छापी थी, वे अब गायब हो गए हैं. उनके दिए इस बयान से पत्रकार जगत में हलचले पैदा कर दी हैं. साथ ही उनके इस बयान से ये सवाल खड़े हो गए हैं कि क्या सत्ता की हनक में पत्रकारों को इस तरह की धमकियां दी जा रही हैं? क्या चौथे स्तम्भ की ये वैल्यू रह गई हैं.. ऐसे तमाम सवाल हैं जो जहन में हैं…
@KailashOnline जी को अपनी और अपने काम की तारीफ सुनने की आदत कुछ ज्यादा ही है।
— Umang Singhar (@UmangSinghar) October 20, 2024
वे अपने आप में इतने आत्ममुग्ध हैं, कि उन्हें अपनी आलोचना जरा भी रास नहीं आती!
उन्होंने तो उन पुराने पत्रकारों को भी नहीं बक्शा, जिन्होंने कभी उनकी आलोचना की होगी!
यहां तक कहा कि "जिन्होंने मेरी आलोचना… pic.twitter.com/z1LaVkMP9a
दरअसल एक आम नागरिक ने सोशल मीडिया पर इंदौर नगर निगम के खिलाफ एक वीडियो पोस्ट किया था. इसमें उसने शहर में फैलती बीमारियों जैसे डेंगू और चिकनगुनिया पर सवाल उठाए गए थे. इसके साथ ही महापौर पुष्यमित्र भार्गव और प्रशासन की कड़ी आलोचना करते हुए कहा था कि शहर की हालत बेहद खराब हो गई है. “हर तीसरे घर में डेंगू या चिकनगुनिया का मरीज है. सड़कों पर गड्ढों से लोग घायल हो रहे है. नगर निगम फॉगिंग करने में नाकाम है.”
शहर को बदनाम करने की सोची-समझी साजिश
अब इस मुद्दे को लेकर जब पत्रकारों ने मंत्री विजयवर्गीय से सवाल किया, तो उन्होंने कहा कि यह सब शहर को बदनाम करने की एक सोची-समझी साजिश है. कुछ पत्रकार और राजनीतिक लोग इस अभियान में शामिल हैं. जिनका मकसद केवल इंदौर की छवि को खराब करना है..
इंदौर सातवीं बार स्वच्छता सर्वेक्षण में बना नंबर वन
बता दें कि इंदौर लगातार सातवीं बार स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर वन बना हैं. ऐसे में इस तरह की खबरें सवाल खड़े करती हैं.. शहर में समस्याएं हैं, तो उन्हें सही किया जाता हैं. मंत्री विजयवर्गीय का पत्रकारों को इस तरह धमकाने और उन्हें बदनाम करने की कोशिश बल्कि से सवाल उठने लगे हैं कि क्या अब पत्रकारों को सच्चाई दिखाने के लिए भी लोगों के दबाव में काम करना पड़ेगा?