
महाकुंभ नगर, 24 फरवरी: भारतीय संस्कृति के सबसे बड़े आयोजन महाकुंभ 2025 में इस बार बॉलीवुड और अध्यात्म का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज कलाकार अक्षय कुमार और कटरीना कैफ ने इस पावन अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त किया।
अक्षय कुमार ने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई
बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार ने सोमवार को त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई और आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त किया। स्नान के बाद उन्होंने महाकुंभ की व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा, “इस बार की व्यवस्था बहुत शानदार है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने इतनी बेहतरीन व्यवस्था करवाई।” उन्होंने यह भी कहा कि पिछले महाकुंभ 2019 में श्रद्धालुओं को समस्याएं होती थीं, लेकिन इस बार सब कुछ सुव्यवस्थित है।
अक्षय ने पुलिसकर्मियों और सफाई कर्मचारियों को भी धन्यवाद देते हुए कहा, “उनकी कड़ी मेहनत से ही यह आयोजन सफल हो पाया है।” उन्होंने इस आयोजन में उद्योगपतियों और बड़े सितारों की उपस्थिति की सराहना की और इसे महाकुंभ की भव्यता में एक नया आयाम बताया।
कटरीना कैफ का आध्यात्मिक अनुभव
कटरीना कैफ ने भी महाकुंभ में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए स्वामी चिदानंद सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती से भेंट की। इस दौरान उन्हें भगवान शिव की मूर्ति और रुद्राक्ष का पौधा भेंट किया गया। स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने कहा, “जब बॉलीवुड जैसी लोकप्रिय इंडस्ट्री के सितारे महाकुंभ में आते हैं, तो यह युवाओं को धर्म और संस्कृति से जोड़ने का कार्य करता है।”
साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा, “युवा पीढ़ी को यह समझना चाहिए कि अध्यात्म सिर्फ बुजुर्गों या साधु-संतों के लिए नहीं है। जब कटरीना कैफ जैसी अंतरराष्ट्रीय हस्तियां महाकुंभ में आती हैं, तो यह हमारे युवाओं को अपनी संस्कृति और जड़ों से जुड़ने की प्रेरणा देता है।”
सोनाली बेंद्रे का महाकुंभ में आस्था का अनुभव
बॉलीवुड अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे भी अपने परिवार के साथ महाकुंभ 2025 में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंचीं। उन्होंने त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान किया और आस्था और अध्यात्म का अनुभव किया। स्नान के बाद उन्होंने कहा, “महाकुंभ में आकर मुझे अपार शांति और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव हुआ।”
सोनाली ने इस आयोजन में शामिल होकर भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता को और करीब से महसूस किया और इसे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा माना।