कुछ ऐसी दिखेगी वर्ल्ड क्लास रैपिड रेल, साल भर के भीतर शुरू होगा 17 किलोमीटर का पहला फेज, 180 किलोमीटर घण्टा होगी स्पीड..

रिपोर्ट- लोकेश राय

ग़ाज़ियाबाद : देश की राजधानी दिल्ली से सटे ग़ाज़ियाबाद और मेरठ के लोगो के लिए बेहद अहम।खबर है। एक साल के भीतर रैपिड रेल के पहले 17 किलोमीटर के फेज को ऑपरेशनल किया जाएगा। मार्च 2023 तक साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच कुल 5 स्टेशन होंगे। जिसमे साहिबाबाद, ग़ाज़ियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो शामिल होंगे। हालांकि मेरठ के निवासियों को अभी अगले 3 साल का इंतेजार करना पड़ेगा। दुहाई से लेकर मेरठ तक का निर्माण कार्य 2025 मे पूर्ण होगा उसी के बाद मेरठ से दिल्ली का सफर महज 60 मिनट में तय होगा।


गाज़ियाबाद के दुहाई डिपो में पहली बार रैपिड रेल की मॉडल दिखाया गया है। जिसमे ट्रैन के कोच का डिजाइन दिखाया गया है। ट्रैन के कोच वर्ल्ड क्लास सुविधाओ से लैस हैं। नेशनल कैपिटल रीजनल ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (NCRTC) के एमडी विनय कुमार सिंह ने बताया कि देश की पहली RRTS परियोजना शुरुआत के बाद से ही यात्रियों की विशेष सुविधा ही प्राथमिकता दी गयी हैं। पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर यात्रियों की सुविधानुसार ही तैयार किया गया है। जिससे यात्रा सुगमता से हो सकें।

मेड इन इंडिया है रैपिड रेल के कोच, अत्याधुनिक सुविधाओं से है लेस।

मेक इन इंडिया के तहत आरआरटीएस के लिए 100% ट्रेनसेट भारत में निर्मित किए जा रहे हैं। ट्रैन की निर्माण गुजरात के सांवली में स्थित एटमॉस कारखाने में बनाए जा रहे हैं। आरआरटीएस ट्रेनों में एगॉनॉमिक रूप से डिज़ाइन किया गया है, इसमें 2×2 ट्रांसवर्स सीटिंग, आरामदायक स्टैंडिंग स्पेस, लगेज रैक, सीसीटीवी कैमरा, लैपटॉप और मोबाइल चार्जिंग सुविधा, डायनेमिक रूट मैप, इंफोटेनमेंट सिस्टम, रोशनी आधारित आटोमेटिक प्रकाश व्यवस्था आदि सुविधाएं होंगी।

फुली एयर कंडीशन आरआरटीएस ट्रेनों में मानक के साथ-साथ प्रीमियम क्लास (प्रति ट्रेन एक कोच) के साथ-साथ एक कोच महिला यात्रियों के लिए आरक्षित होगा। इस साल एनसीआरटीसी दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के प्रायोरिटी सेक्शन पर ट्रायल रन शुरू करेगी।आरआरटीएस में 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली ट्रेनें हर 5-10 मिनट में उपलब्ध होंगी और लगभग एक घंटे में लगभग 100 किमी की दूरी तय करेंगी. पहले आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए कुल 210 कोच के (40 ट्रेनसेट) की डिलीवरी होगी।इसमें दिल्ली गाजियाबाद मेरठ कॉरिडोर पर क्षेत्रीय परिवहन सेवाओं के संचालन और मेरठ में स्थानीय ट्रांजिट सेवाएं के लिए ट्रेनसेट शामिल हैं.

तेजी से चल रहा है RRTS का निर्माण कार्य।

82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर काम तेज़ी से चल रहा है। 14 हज़ार से अधिक कर्मचारी और 1100 से अधिक इंजीनियर दिन-रात निर्माण कार्य में लगे हुए हैं। एनसीआरटीसी ने एलिवेटेड सेक्शन के नींव के काम का लगभग 80% पूरा कर लिया है। अब तक लगभग 40 किमी खंड पर 1400 से अधिक स्ट्रेच और 18 कि.मी. पुल का निर्माण किया जा चुका है, जिनमें से अधिकांश प्रायोरिटी सेक्शन में हैं।


अधिकारियों के मुताबिक साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर के प्रायोरिटी सेक्शन को 2023 तक और पूरे कॉरिडोर को 2025 तक चालू करने का लक्ष्य रखा गया है. प्रायोरिटी सेक्शन (जिसमें कुल 5 स्टेशन हैं) पर सिविल वर्क पूरा होने वाला है। प्रायोरिटी सेक्शन में साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो शामिल हैं।जानकारी के मुताबिक 82 किलोमीटर के दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर में कुल 25 स्टेशन होंगे. आरआरटीएस मेरठ से दिल्ली तक यात्रा के समय को 60 मिनट से कम कर देगा. दिल्ली- गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर से प्रति वर्ष लगभग दो लाख पचास हज़ार टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आने का अनुमान है.

ये है रैपिड रेल में मिलने वाली सुविधाएं।

• तेज़ रफ्तार पर हवा के खिंचाव को कम करने के लिए ट्रैन को एयरोडायनामिक प्रोफाइल दी गई है.

• एर्गोनॉमिक रूप से डिज़ाइन की गई 2X2 ट्रांसवर्स सीटिंग.

• ओवरहेड लगेज रैंक वाली कुशन वाली सीटें.

• हर ट्रेन में एक प्रीमियम क्लास कार’ जो आराम, सुविधा और यूजर फ्रेंडली होगी. जिसमें अधिक लेगरुम, कोट हैंगर के साथ चौड़ी सीटें होंगी.

• प्रत्येक ट्रेन में महिलाओं के लिए एक कोच आरक्षित होगा.

• यात्रियों के लिए वाई-फाई.

• हर सीट पर मोबाइल चार्जिंग के लिए यूएसबी पोर्ट.

• दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर की जगह और आपातकालीन चिकित्सा परिवहन के लिए स्ट्रेचर की जगह मौजूद होगी.

• इंडोर और आउटडोर सर्विलांस सिस्टम.

• आग के लिए फायर डिटेक्शन सिस्टम.

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