उपभोक्ता परिषद की लड़ाई फिर एक बार रंग लाई, केंद्र सरकार के इस फैसले से उपभोक्ताओं में खुशी की लहर !

उपभोक्ता परिषद् की लम्बी लड़ाई पावर कार्पोरेशन का साथ निजी घरानो की लॉबिंग काम नहीं आई। एक बार फिर उपभोक्ता परिषद् के खुलासे के बाद केंद्र का बड़ा फैसला उपभोक्ताओ में खुशी की लहर है। इंडियन एनर्जी एक्सचेंज पर रुपया 12 प्रति यूनिट की सीलिंग कानून बनने के बाद भी रुपया 17 प्रति यूनिट तक बिजली बेचने के मामले में केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग का बड़ा फैसला आया है।

उपभोक्ता परिषद् की लम्बी लड़ाई पावर कार्पोरेशन का साथ निजी घरानो की लॉबिंग काम नहीं आई। एक बार फिर उपभोक्ता परिषद् के खुलासे के बाद केंद्र का बड़ा फैसला उपभोक्ताओ में खुशी की लहर है। इंडियन एनर्जी एक्सचेंज पर रुपया 12 प्रति यूनिट की सीलिंग कानून बनने के बाद भी रुपया 17 प्रति यूनिट तक बिजली बेचने के मामले में केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग का बड़ा फैसला आया है। अब पावर एक्सचेंज पर अधिकतम रुपया 12 प्रति यूनिट के ऊपर कोई भी जनरेटर डेहेड मार्केट (डीएएम)व रियल टाइम मार्केट(आरटीएम ) व टर्म अहेड मार्केट(टी0ए0एम) पर बिजली नहीं बेच पायेगा।

उपभोक्ता परिषद की लंबी लडाई के बाद केंद्र सरकार ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार की संस्तुति के बाद केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग द्वारा 1 अप्रैल को पूरे देश में पावर एक्सचेंज पर डेहेड मार्केट (डीएएम)व रियल टाइम मार्केट(आरटीएम ) पर अधिकतम रुपया 12 प्रति यूनिट के ऊपर बिजली बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद 27 अप्रैल को उत्तर प्रदेश राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा द्वारा किए गए खुलासे के बाद पूरे देश के सामने यह मुद्दा आया की पावर एक्सचेंज की टर्म अहेड मार्केट(टी0ए0एम) के अंतर्गत रुपया 13 प्रति यूनिट से लेकर अधिकतम रुपया 17 प्रति यूनिट तक बिजली बेची जा रही है।

जिसका खुलासा उपभोक्ता परिषद द्वारा करने के तुरंत बाद देश के निजी घरानों में हडकंप मच गया, उसके उपरांत तुरंत उपभोक्ता परिषद ने इसकी शिकायत केंद्रीय ऊर्जा सचिव आलोक कुमार व केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग सहित राज्य विद्युत नियामक आयोग से करते हुए कानून के उल्लंघन पर अबिलम्ब प्रतिबंध लगाने की मांग की और यह मांग उठाई कि इस भीषण बिजली संकट के दौर में इंडियन एनर्जी एक्सचेंज पर आपदा में अवसर तलाशते हुए अधिकतम रुपया 17 प्रति यूनिट की बिजली बेची जा रही है जिस पर केंद्रीय ऊर्जा सचिव द्वारा भरोसा दिया गया था कि जल्द ही सख्त कदम उठाया जाएगा।

मामले का खुलासा होने के बाद पावर कार्पोरेशन भी उपभोक्ता परिषद् के सपोर्ट में उतर आया था और चेयरमैन एम देवराज द्वारा भी भारत सरकार को पत्र भेजा गया था। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा 29 अप्रैल को पूरा मामला केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग को भेजा गया, केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग की पूर्ण पीठ द्वारा बड़ा फैसला लेते हुए पावर एक्सचेंज की टर्म अहेड मार्केट(टी0ए0एम) के अंतर्गत रुपया 13 प्रति यूनिट से लेकर अधिकतम रुपया 17 प्रति यूनिट तक बिजली बेचने के मामले पर 2 दिन में रिपोर्ट तलब करते हुए टर्म अहेड मार्केट(टी0ए0एम) पर रुपया 12 प्रति यूनिट की सीलिंग लगा दी है अब पूरे पावर एक्सचेंज पर रुपया 12 प्रति यूनिट के ऊपर कोई भी जनरेटर डेहेड मार्केट (डीएएम)व रियल टाइम मार्केट(आरटीएम ) व टर्म अहेड मार्केट(टी0ए0एम) पर बिजली नहीं बेच पायेगा ।

उत्तर प्रदेश राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी आदेश में विदेशी कोयला से चलने वाली उत्पादन ग्रहो की मेरिट आर्डर समरी के आधार पर यह विस्लेषण किया गया है की विदेशी कोयला से चलने वाली उत्पादन ग्रहो की बिजली की रेंजरुपया 7.30प्रति यूनिट से 8.82प्रति यूनिट के बीच आ रही है ऐसे में यह कहना उचित होगा की विदेशी कोयला आधारित उत्पादन इकाइयो की बिजली की दर रुपया 9 प्रति यूनिट तक आ रही है इसलिए विदेशी कोयला आधरित उत्पादन ग्रहो के लिए भी रुपया 12 प्रति यूनिट की सीलिंग पूरी तरह उचित है निश्चित ही केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग ने निजी घरानो को यह सन्देश दे दिया है की कल महगी बिजली के नाम पर विदेशी कोयला आधारित निजी घराने रुपया 12 प्रति यूनिट की सीलिंग को हटवाने की मुहीम में न लग जाय वैसे उपभोक्ता परिषद् अभी इस सीलिंग को काम करने के लिए पूरी जी जान से जुटेगा अब जब पूरे देश में पावर की दिकत है भीषण बिजली संकट है ऐसे के केंद्र सरकार को देश में पावर क्राईसेस घोषित करते हुए पावर एक्सचेंज पर रुपया 6 प्रति यूनिट के ऊपर बिजली बेचने की नयी सीलिंग लगाना चाहिए रुपया 12 प्रति यूनिट की बिजली की सीलिंग भी बहुत ज्यादा है । उपभोक्ता परिषद् ने कहा अधिकतम सीलिंग 6 प्रति यूनिट होने तक लड़ाई रहेगी जारी ।

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