देश के सबसे राजनीतिक राज्य उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है। आज भाजपा ने अपने 107 उम्मीदवारों की सूची जारी की है। इसमें सबसे ज्यादा ओबीसी नेताओं को उम्मीदवार बनाया गया है। 107 में से 68 प्रतिशत टिकट पिछड़ों, दलितों और महिलाओं को दिया गया है, जिसमें 44 OBC, 19 SC और 10 महिलाएं शामिल हैं।
बीजेपी ने आज अपने 107 उम्मीदवारों की सूची जारी की अगर बात करें जातीय समीकरण की तो भाजपा ने 44 फीसदी ओबीसी जातियों को और 43 फीसदी सामान्य वर्ग को टिकट दिया गया है। इसी के साथ 19 फीसदी अनुसूचित जाति को और 10 फीसदी टिकट महिलाओं को दिया हुआ है।
जिस तरीके से भाजपा ने 44 फीसदी उम्मीदवार ओबीसी जातियों को बनाया है उससे यह कयास लगाए जा रहे है कि स्वामी प्रसाद मौर्या के द्वारा लगाए गए आरोप कि भाजपा पिछड़ा और दलित विरोधी है उनके आरोप का खंडन किया है।
भाजपा ने यूपी चुनाव में जिस तरह पिछड़ी जातियों को 44 फीसदी टिकट देकर मैदान में उतारा है उससे साफ़ लग रहा है कि भाजपा पिछड़ी जाति और दलित विरोधी होने का ठप्पा हटाने की कोशिस कर रही है। बता दें कि इस्तीफ़ा देने के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्या ने भाजपा पर पिछड़ा और दलित विरोधी होने का आरोप लगाया था।
टिकटों के बंटवारे में बीजेपी का जातीय गणित के आंकड़े-
107 में से 68% सीटें (44 OBC, 19 SC और 10 महिलायें) पिछड़ों, दलितों और महिलाओं को दिया गया है।
एक सामान्य सीट से अनुसूचित जाति के उम्मीदवार को टिकट।
बीजेपी की टिकट में सामान्य वर्ग को दिया गया प्रतिनिधित्व- 43
- ठाकुर -18
- ब्राह्मण – 10
- वैश्य -08
- पंजाबी – 03
- त्यागी – 02
- कायस्थ- 02
ओबीसी प्रतिनिधित्व 44
- जाट -16
- गुर्जर- 7
- लोधी -6
- सैनी – 5
- साक्य- 2
- कश्यप – 1
- खडागबंशी- 1
- मौर्य- 1
- कुर्मी- 1
- कुशवाह- 1
- निषाद – 1
- प्रजापति
- यादव
अनुसूचित जाति को प्रतिनिधित्व 19
- जाटव- 13
- बाल्मीकि-2
- बंजारा- 1
- धोबी- 1
- पासी- 1
- सोनकर- 1