
पुष्कर सिंह धामी ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों, गणमान्य नागरिकों एवं कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने सभी को आपदा की घड़ी में शासन प्रशासन के साथ तालमेल बनाकर काम करने की बात कही। उन्होंने कहा कि जो लोग प्रभावित हैं, उनकी जान माल की सुरक्षा करते हुए उनके लिए आगे का रास्ता बनाना हमारी प्राथमिकता है।

सीएम ने कहा की जिन लोगों के मकान, दुकान, व्यवसाय प्रभावित हुए है उन सभी को अंतरिम सहायता के रूप में 1.50 लाख तत्कालीन सहायता के रूप से दिए जा रहे है। अभी यह पूरा राहत पैकेज नही है। इसके लिए यहां पर समिति गठित कर दी गई है और प्रभावित लोगों के लिए बेहतर से बेहतर जो राहत होगी वो दी जाएगी। प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए सरकार हर संभव मदद करेगी। कतिपय लोग जोशीमठ को लेकर दहशत का माहौल बना रहे है जो कि गलत है। इससे हमारे लोगों का हमारे प्रदेश का नुकसान हो रहा है। स्थानीय लोगों की आर्थिकी प्रभावित हो रही है। इसलिए ऐसा महौल न बनाए। इस समय हम सबको मिलकर पीडितों की मदद करनी चाहिए। जोशीमठ में भूधंसाव कारणों का पता लगाया जा रहा है। जेपी कंपनी के पास जो पानी का रिसाव हुआ था वह भी अब कम हो रहा है।
जोशीमठ में आ रही आपदा में उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन के 66 केवी का सबस्टेशन भी भू धसाव की जद पर है। स्थलीय निरीक्षण करने के बाद हल्द्वानी पहुंचे पिटगुल के एमडी पीसी ध्यानी ने बताया कि भविष्य में बिजली संकट उत्पन्न ना हो इसके लिए भी स्थलीय निरीक्षण कर पूरी कार्य योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि 66 केवी का सबस्टेशन भी डेंजर जोन में आ चुका है। इसके अलावा आपदा को देखते हुए पिटगुल कर्मचारियों ने एक दिन का वेतन देने का निर्णय लिया है। तथा वहां विद्युत सुचारु रुप से चलती रहे इसके लिए पूरा विभाग पैनी नजर बनाए हुए हैं।