
भू-धंसाव के संकट का सामना कर रहे जोशीमठ की व्यथा जानने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी उत्तराखंड फ़रवरी मे उत्तराखंड जा रहे हैँ। प्रदेश के कांग्रेस नेताओं के अनुरोध पर राहुल गाँधी जोशीमठ आने को राजी हुए हैं। राहुल की इस हामी के साथ ही जोशीमठ पर सियासत गरमानें लगी है। राहुल गाँधी की यात्रा कों लेकर सीएम पुष्कर सिंह नें कहा कि आना जाना अलग विषय है लेकिन सभी को इस समय उत्तराखंड के जोशीमठ की घटना को लेकर विचार करना चाहिए। उत्तराखंड आने वाले लोगो मे संदेह की स्तिथि पैदा ना हो ऐसा सभी जिम्मेदार लोगो को करना चाहिए।
सीएम धामी ने कहा जोशीमठ का 70% आमजीवन सामान्य है, चारधाम यात्रा शुरू होने वाली है। ये राजनीति करने का समय नहीं है सभी को इसमें सहयोग करना चाहिये। हम दलगत भावना से काम नहीं कर रहे हैँ सरकार जो भी काम कर रही है सबको साथ मे लेकर काम कर रही है। अब स्टेकहोल्डरो के सुझाव के आधार पर ही आगे बढ़ने का काम किया जाएगा। पुनर्वास को लेकर सरकार ठोस नीति बनाने का काम कर रही है।
बीते रोज़ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण महारा और कांग्रेस के अन्य सभी दिग्गज नेता कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए जम्मू पहुंचे थे। इस दौरान भारत जोड़ो यात्रा में जोशीमठ आपदा को मुख्य बिंदु में रखा गया। वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने बताया कि राहुल गांधी ने जोशीमठ आपदा को बेहद गंभीरता से लिया है, जिसके तहत उन्होंने पूर्व में ही दो जूलॉजिस्ट और एक पर्यावरणविद को जोशीमठ में अध्ययन के लिए भेजा, इसके बाद कांग्रेस के उत्तराखंड प्रभारी देवेंद्र यादव सहित सभी बड़े नेता जोशीमठ आपदा के तहत सरकार के राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा के लिए जोशीमठ के साथ ही करणप्रयाग भी पहुंचे। करण माहरा ने कहा कि राहुल गांधी जोशीमठ आपदा को लेकर बेहद संजीदा हैं ।
करण माहरा ने कहा कि राहुल गांधी का कहना है कि जोशीमठ में बिना अध्ययन के विकास कार्य हो रहे हैं, जहां कंट्रोल ब्लास्टिंग होनी चाहिए वहां लगातार ब्लास्टिंग हो रही है । कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राहुल गांधी प्रदेश सरकार के रवैया से भी चिंतित हैं क्योंकि हाल ही में प्रदेश सरकार ने इसरो की रिपोर्ट को उसकी वेबसाइट से हटवाने का काम किया है जोकि, नहीं होना चाहिए ।
करण माहरा ने कहा कि राहुल गांधी का कहना है कि इसरो की रिपोर्ट का अध्ययन होना चाहिए और उस रिपोर्ट के आधार पर राहत और बचाव के कार्य किए जाने चाहिए थे, लेकिन सरकार ने इसरो की रिपोर्ट हटाकर गैर जिम्मेदाराना तरीका अपनाया है। करण माहरा ने यह भी बताया कि राहुल गांधी इस बात को लेकर भी चिंतित हैं कि बिना जियोलॉजिस्ट की रिपोर्ट आए ही राज्य सरकार ने एनटीपीसी को क्लीन चिट दे दी, जो कि बेहद दुखद है ।