
एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी धारावी अब सिर्फ पुनर्विकास की कहानी नहीं, बल्कि भविष्य में एक नए व्यवसायिक केंद्र के रूप में उभरने की तैयारी कर रही है। धारावी पुनर्विकास परियोजना (DRP) के सीईओ एसआरवी श्रीनिवास ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का प्रमुख उद्देश्य है – “सभी के लिए आवास”, लेकिन इसके साथ-साथ धारावी को एक SME बिजनेस हब के रूप में भी विकसित किया जा सकता है।
पीटीआई वीडियो से बातचीत में श्रीनिवास ने कहा कि, “हमारा मुख्य फोकस है कि पुनर्वास कार्य जितना जल्दी और जितना बेहतर हो सके, पूरा किया जाए। धारावी के लाखों निवासी दशकों से बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं, और अब समय आ गया है कि उन्हें गरिमापूर्ण जीवन और स्थायी आवास मिल सके।”
SME सेक्टर को मिलेगा नया प्लेटफॉर्म
श्रीनिवास ने कहा कि पुनर्विकास के बाद धारावी न सिर्फ रहने के लिए बेहतर जगह बनेगा, बल्कि यह छोटे और मझोले उद्यमों (SMEs) के लिए भी एक विकास का केंद्र बन सकता है। “यह इलाका पहले से ही चमड़ा, कपड़ा, मिट्टी के बर्तन और अन्य छोटे उद्योगों के लिए जाना जाता है। पुनर्विकास के बाद, इन व्यवसायों को एक संरचित और पेशेवर प्लेटफॉर्म मिलेगा।”
अडाणी ग्रुप और महाराष्ट्र सरकार की साझेदारी
धारावी के पुनर्विकास को लेकर महाराष्ट्र सरकार और अडाणी समूह के बीच संयुक्त उद्यम (Joint Venture) के तहत एक स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV) बनाया गया है, जो इस परियोजना को आगे बढ़ाएगा। इसके अंतर्गत झुग्गियों को हटाकर बहुमंजिला आवासीय टावरों, व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स, सड़कों, स्कूलों और स्वास्थ्य सेवाओं के साथ पूरी तरह से आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा।
🌆 धारावी का भविष्य: एक सस्टेनेबल मॉडल
DRP के सीईओ का मानना है कि यदि सब कुछ योजना के मुताबिक चला, तो धारावी भारत का सबसे बड़ा शहरी पुनर्विकास मॉडल बन सकता है। साथ ही, यह न सिर्फ आवास बल्कि रोजगार, इनोवेशन और शहरी उद्यमिता का भी नया केंद्र होगा।
धारावी लगभग 2.8 वर्ग किलोमीटर में फैला है और करीब 10 लाख से अधिक लोग यहां रहते हैं। इसका पुनर्विकास वर्षों से चर्चा में रहा है, लेकिन यह परियोजना अब मूर्त रूप लेने के बेहद करीब है।
धारावी का पुनर्विकास एक सामाजिक परिवर्तन से कहीं बढ़कर है। यह सपनों की नगरी मुंबई के सबसे चुनौतीपूर्ण इलाके को एक सस्टेनेबल और इनक्लूसिव बिजनेस ज़ोन में बदलने की दिशा में बड़ा कदम है।