गणेश जी की अलग-अलग मूर्तियों का होता है अलग-अलग मतलब, इस तरफ सूंड वाली मूर्ति लाएं अपने घर

गणेश चतुर्थी आने वाली है। गणेश चतुर्थी की धूम पूरे देश में देखने को मिलती है। इस साल गणेश चतुर्थी 7 सितंबर को मनायी जाएगी। इस शुभ अवसर पर लोग अपने घरों में गणपति बप्पा की मूर्ति को विराजमान करते हैं। ऐसे में क्या आपको पता है कि गणेश जी कैसी मूर्ति अपने घर लानी चाहिए? अगर नहीं, तो चलिए आपको विस्तार से बताते हैं

जब भी हम कोई शुभ कार्य शुरु करते हैं तो सबसे पहले गणेश जी का आवाहन किया जाता है क्योंकि वो हमारे काम को किसी भी प्रकार की विघ्न बाधा से बचाते हैं। इसीलिए हिंदू देवी-देवताओं में गणेश जी का एक अलग ही स्थान हैं। 7 सितंबर को पूरे देश में गणेश चतुर्थी मनायी जाएगी। ऐसे में सभी लोग अपने-अपने घरों में गणेश जी की मूर्ति लाएंगे। लेकिन गणेश जी की अलग-अलग प्रकार की मूर्ति का अलग-अलग मतलब होता है। हर मूर्ति एक खास तरह से काम करती है। विशेष मनोकामनाओं के लिए विशेष मूर्ति की पूजा की जाती है। तो अगर आप गणेश जी मूर्ति खरीदने के लिए बाजार जाने का प्लान बना रहे हैं। तो अपनी कामना के हिसाब से ही मूर्ति का चयन करें। चलिए आप गणेश जी की अलग-अलग प्रकार की मूर्तियों का अलग-अलग मतलब भी आपको विस्तार पूर्वक बताते हैं

किस तरफ होनी चाहिए गणपति बप्पा की सूंड

अकसर आपने देखा होगा कि गणपति की मूर्ति में सू्ंड या तो दायीं तरफ होती है या फिर बांयी तरफ तो आपको बता दें दांईं ओर और बाईं ओर सूंड होने का अलग-अलग मतलब होता है। ऐसा माना जाता है कि बाईं तरफ मुड़ी हुई सूंड से बुध्दि की वृध्दि होती है और रचनात्मकता पर भी पॉजिटिव प्रभाव पड़ता हैं। वहीं अगर बप्पा की सूंड दाईं तरफ मुड़ी हुई है तो माना जाता है कि इस तरह की मूर्ति लाने से
घर में समृध्दि आती है।

सीधी सूंड वाली मूर्ति

दाईं और बाईं ओर के अलावा सीधी सूंड वाली मूर्ति भी आती है। अगर आप आपने घर में सीधी सूंड वाली मूर्ति रखते हैं तो ऐसा माना जाता है कि घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहेगी और घर का माहौल खुशनुमा रहेगा।

हाथी पर बैठे बप्पा

अगर आप बप्पा की ऐसी मूर्ति लाते हैं जिसमें गणेश जी को हाथी पर बैठा हुआ दर्शाया गया है तो ऐसा माना जाता कि इससे धन, यश और सम्मान में अच्छी वृध्दि होती है।

हरे रंग की मूर्ति

अगर विद्यार्थी है और अभी पढ़ाई कर रहें हैं तो आपको गणपति बप्पा की हरे रंगे की मूर्ति लानी चाहिए। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि गणेश जी की हरे रंग की मूर्ति की पूजा करने से बुध्दि, विवेक और ज्ञान की वृध्दि होती है

पंचमुखी गणेश जी

ऐसा माना जाता है कि अगर कोई विद्याओं की सिध्दि करना चाहता है। तो उसे पंचमुखी वाले गणेश जी को विराजमान करना चाहिए।

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