विश्व के आर्थिक हालात का भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर, जानिए, क्या कहती है आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट!

आर्थिक सर्वेक्षण में रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2023 में मुद्रास्फीति लगभग 6.8 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया गया है. इसके अलावा इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि खराब वैश्विक विकास, भारत के व्यापार घाटे को बढ़ा सकता है और रुपये का अवमूल्यन कर सकता है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को संसद में केंद्रीय बजट 2023 पेश करेंगी. साल 2024 की शुरुआत में लोकसभा चुनाव से पहले मौजूदा सरकार के लिए यह आखिरी पूर्ण बजट होने की संभावना है. केंद्रीय बजट पेश होने के एक दिन पहले संसद में मंगलवार को पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में 2023-24 में भारत की आर्थिक वृद्धि 6.0-6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जो सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अधिक है.

आर्थिक सर्वेक्षण में रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2023 में मुद्रास्फीति लगभग 6.8 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया गया है. इसके अलावा इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि खराब वैश्विक विकास, भारत के व्यापार घाटे को बढ़ा सकता है और रुपये का अवमूल्यन कर सकता है. सीधे तौर पर आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में विश्व की खराब आर्थिक हालातों का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने की बात भी कही गई है.

इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि बजट न केवल आम आदमी की उम्मीदों और सपनों को पूरा करने का प्रयास करेगा, बल्कि दुनिया के लिए आशा की किरण भी बनेगा. संसद के बजट सत्र के पहले दिन पत्रकारों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘आज के वैश्विक हालात में भारत का ही नहीं, पूरी दुनिया का ध्यान भारत के बजट पर है. विश्व की अस्थिर आर्थिक स्थिति में भारत का बजट न केवल भारत के आम आदमी की आशाओं और सपनों को पूरा करने का प्रयास करेगा, बल्कि यह आशा की वह किरण है जिसे दुनिया देख रही है.

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