केदार भगवान के कपाट बंद होने के बाद आना भी है प्रतिबंधित, पर हो रहा खुलेआम अतिक्रमण

तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट शीतकाल कर लिए बंद हो चुके है, लेकिन अभी भी यहाँ लोगो का हर रोज जमावड़ा लग रहा है। वही कई जगहो पर इस सेंचुरी एरिया मे खुलेआम अतिक्रमण भी किया जा रहा है

रिपोर्ट- संदीप भट्टकोटी

डेस्क: रुद्रप्रयाग तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट शीतकाल कर लिए बंद हो चुके है, लेकिन अभी भी यहाँ लोगो का हर रोज जमावड़ा लग रहा है। वही कई जगहो पर इस सेंचुरी एरिया मे खुलेआम अतिक्रमण भी किया जा रहा है। जबकि परंपरानुसार कपाट बन्द होने के बाद यहाँ आना भी प्रतिबंधित है। वही इस बात को लेकर हकहकूक धारियों ने जोरदार विरोध दर्ज किया है। मंदिर के पुजारी रविंद्र मैथाणी ने कहा की एक तरफ सेंचुरी क्षेत्र मे खुलेआम निर्माण कार्य चल रहे है, यह अतिक्रमण सरासर नियम विरुद्ध है लेकिन इसे रोकने वाला कोई नही है।

उन्होंने आरोप लगाया की कही ना कही अधिकारियों की मिली भगत से यह कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा की पर्व मे कपाट बंद होने बाद तुंगनाथ मे उनके मकानों मे चोरी की घटनाएं हुई थी, जिसके बाद यहाँ कपाट बन्द होने बाद आवागम पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गयी थी, लेकिन फिर भी यहाँ आवागमन हर रोज भारी संख्या मे हो रहा है। कहा की तत्काल इस पर कार्यवाही की जाय।

वही एसडीएम उखीमठ का कहना है वाइन परम्पारानुसार कपाट बंद होने बाद वहां आवागमन नही होना चाहिए, लेकिन वन विभाग द्वारा ट्रैकिंग के लिए अनुमति दी जाती है, वह इसलिए भी चोपता पर्यटक स्थल। वही उन्होंने अतिक्रमण पर जानकारी ना होने की बात कहकर बताया की वीडियो के जरिये जानकारी मिली है और इस संबंध मे संबंधित पटवारी को रिपोट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये है।

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