‘The Diary of West Bengal’ के निर्माता – निर्देशक के ऊपर फतवा जारी, फंसा ये पेंच !

The Diary of West Bengal : आज मुंबई के अंधेरी वेस्ट स्थित कंट्री क्लब वीरा देसाई रोड में बॉलीवुड फिल्म ”द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल” (The Diary of West Bengal) का एक संवाददाता सम्मेलन फिल्म के टीम के साथ आयोजन किया गया. इस औसर पर फिल्म के सभी टीम उपस्थित थे. मुम्बई में इन दिनों बॉलीवुड फ़िल्म ”द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल” को लेकर काफी चर्चाएं सुनने को मिल रही हैं. इस फ़िल्म का सेंसरशिप तो हो चुका है, लेकिन सेंसर बोर्ड इस फ़िल्म को रिलीज करने के लिए सर्टिफिकेट नहीं दे रहा है. ऐसे में निर्माता-निर्देशक सेंसर बोर्ड के चक्कर लगा-लगाकर थक गए, लेकिन सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी या उनकी टीम से कोई भी इस फ़िल्म को लेकर कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं. ऐसे में इस फ़िल्म को बनाने में निर्माता के करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है.

इसी मुद्दे को लेकर मुम्बई में आज एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया है. जिसमे फ़िल्म ”द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल” की पूरी टीम मौजूद थी. इस फ़िल्म के बारे में बात करते हुए फिल्म के निर्माता वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह कहते हैं कि हमने तो एक सच्ची घटनाओं पर आधारित सिर्फ फ़िल्म बनाई थी उसके लिए भी हमारे ऊपर पाकिस्तान के करांची स्थित एक आतंकवादी संगठन जामिया दारुल उलूम (Jamia Darul Uloom) ने फतवा जारी कर दिया है, और फ़िल्म रिलीज ना करने की धमकी दिया हुआ है. बताइए कि भारत मे फ़िल्म बनाने और रिलीज कराने के लिए क्या अब पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों से इजाज़त लेनी पड़ेगी.

हम क्या अब यही समझें कि पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन के लोग चला रहे हैं. क्योंकि फ़िल्म को रिलीज होने से उनको ही दिक्कत है और यहां पर ममता बनर्जी की सरकार रिलीज नहीं करने दे रही है. तो फिर इन आतंकवादियों से रिश्ते को क्या समझा जाये. क्या हमारे देश मे सिर्फ वामपंथी विचारधारा वाले लोगों के लिए ही अभिव्यक्ति की आज़ादी और सिनेमैटिक लिबर्टी मिलती है. इस सिनेमैटिक लिबर्टी और भिव्यक्ति की आज़ादी पर हम इंडिपेंडेंट लोगों का कोई अधिकार नहीं है. क्या हमें समाजिक कुरीतियों को उजागर करने के लिए भी अब प्रताड़ित किया जाएगा. इस फ़िल्म के जरिये हुए हमारे अब तक के नुकसान की भरपाई कौन करेगा. यदि पश्चिम बंगाल में सब कुछ सही चल रहा है तो ममता सरकार हमारी फ़िल्म रीलीज क्यों नही होने देती. ममता बनर्जी की सरकार हमारी टीम के पीछे हाथ धोकर क्यों पड़ी हुई है. क्या हमने फ़िल्म बनाकर कोई अपराध कर दिया है.

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