ग्वालियर- कुटुंब न्यायालय में एक रोचक मामला सामने आया है. घटना इस प्रकार कि ग्वालियर निवासी दिनेश शर्मा की शादी मुरार से हुई थी. दिनेश गुड़गांव की एक कंपनी में इंजीनियर है. उसकी शादी 5 मई 18 को हुई थी. शादी के बाद दिनेश अपने पत्नी को गुड़गांव ले गया और गर्भवती होने पर उसे मायके छोड़ गया. पत्नी के 15 महीने मायके में रहने के बाद भी जब दिनेश उसको लेने नहीं आया तो पत्नी के मायके वालों ने पड़ताल की.
पति ने कर ली दूसरी शादी
पड़ताल में पता चला कि दिनेश ने अपने साथ काम करने वाली लड़की के साथ गुड़गांव में विवाह कर लिया और उसके साथ ही रहता है. इस दौरान पहली पत्नी ने एक लड़की को जन्म दिया. लेकिन दिनेश फिर भी अपनी पहली पत्नी को लेना नहीं आया.
न्यायालय पहुंची पहली पत्नी
पहली पत्नी के परिजन दिनेश पर दहेज एवं मेंटेनेंस का प्रकरण न्यायालय में दर्ज कराना चाहते थे. मामला कुटुंब न्यायालय काउंसलर हरीश दीवान के संज्ञान में आया. उन्होंने पहली पत्नी को समझाया कि मेंटेनेंस केस में चार-पांच हजार रुपये मिलेंगे. दहेज एक्ट का मुकदमा लगाने से सालों केस चलेगा. उन्होंने पहली पत्नी को समक्षाया कि इसका कोई लाभ नहीं मिलेगा. आपका पति अपनी दूसरी पत्नी के साथ रहता रहेगा तुम न्यायालय के चक्कर लगाती रहोगी. इसलिए आप भी साथ में जाकर रहो.
दोनों पत्नियों के साथ तीन-तीन दिन रहने पर तय हुई बात
काउंसलर ने पति दिनेश शर्मा को बुलवाया और उससे चर्चा की. पति ने बताया कि पहली पत्नी से उसके संबंध अच्छे नहीं है. इसलिए मैंने दूसरी शादी की है. मैं दूसरी पत्नी को छोड़ नहीं सकता हूं. काउंसलर हरीश दीवान ने पति को समझाया दूसरा विवाह करने का केस लगेगा. दहेज एक्ट लगेगा तुम जेल जा सकते हो. इस पर तय हुआ कि पति दिनेश शर्मा गुड़गांव वाला फ्लैट पहली पत्नी के नाम करेगा, और तीन-तीन दिन दोनों पत्नियों के साथ रहेगा. दोनों को आधी आधी सैलरी भी देगा.