अगर आप में दिख रहे ये लक्षण तो रहें सावधान, हो सकते हैं मंकीपॉक्स के शिकार

भारत में भी कुछ दिन पहले ही मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया था. इसके बाद देश में दूसरे मामले की भी पुष्टी की केरल के कन्नुर में की गई . इसकी पुष्टी खुद स्वास्थ्य मंत्रालय ने की थी. देश में दो मामले सामने आने के बाद से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय हरकत में दिख रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने शुक्रवार को इस बीमारी को लेकर गाइडलाइन जारी की.

Health Desk : भारत में कुछ दिन पहले ही मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया था. इसके बाद देश में दूसरे मामले की भी पुष्टी केरल के कन्नुर में की गई . इसकी पुष्टी खुद स्वास्थ्य मंत्रालय ने की. देश में दो मामले सामने आने के बाद से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय हरकत में दिख रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने शुक्रवार को इस बीमारी को लेकर गाइडलाइन जारी की.

इसके अंतर्गत कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को बीमार लोगो के संपर्क में आने से बचना चाहिए. साथ ही बीमार या मृत जानवरों के संपर्क में आने से बचना चाहिए. देश में मामलों को बढ़ता देख सरकार हरकत में है और कड़े दिशा निर्देश जारी किए हैं.

इन निर्देशों में कहा गया है कि…

अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को त्वचा संबंधित रोगों से ग्रसित सहति बीमार लोगों के संपर्क में बचना चाहिए. लोगों को चुहा, गिलहरी, बंदर समेत किसी भी जंगली जानवर के संपर्क मे आने से बचना चाहिए. चुकि मंकीपॉक्स अफ्रीका से आई बीमारी मानी जाती है. इसको देखते हुए निर्देश में कहा गया है कि अफ्रीका मे जंगली जीवों से बनाए गए उत्पादों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बीमार व्यक्ति द्वारा उपयोग किए गए वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. साथ ही उनके संपर्क में भी आने से बचना चाहिए. इस बात का ध्यान रखना चाहिए यदि कोई व्यक्ति बुखार, से पीड़ित है या उसके शरीर पर चकते नजर आए तो तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए.

क्या है मंकीपॉक्स?

मंकीपॉक्स एक नया वायरस बीमारी है. इसके सबसे पहले अफ्रीका में देखा गया था. यह बीमारी जानवरों के संपर्क में आने से होती है. अफ्रीका में इस साल कुल 20 से भी अधिक मामले सामने आ चुके हैं. कभी कभी ऐसा देखा गया है कि मंकीपॉक्स जानवरों मीट का उपयोग करने से भी होती है. अभी तक भारत में मंकीपॉक्स का कोई मामला नही आया था लेकिन कुछ दिन पहले केरल मे पहला सामने आया, जिस व्यक्ति में मंकीपॉक्स की पुष्टी हुई है वो व्यक्ति कुछ दिन पहले ही यूएई से लौटा था. इसी के साथ केरल के ही कुन्नुर में मंकीपॉक्स का दूसरा मामला भी संज्ञान में आया.

जिसके बाद सरकार हरकत में आई है और इससे बचने को लेकर तमाम एहतियात बरतने को लेकर एडवाईजरी जारी की है. ध्यान देने वाली बात ये है कि मंकीपॉक्स एक संक्रामक बीमारी है और ये जानवरों से इंसानों में फैलती है और इंसानों से इसानों में भी काफी तेजी से फैलती है. ये बीमारी कोरोना के मुकाबले कम खतरनाक है. मंकीपॉक्स के मामलों में मृत्यु दर बेहद कम है. भारत में अभी तक 2 मामले सामने आए हैं ये दोनो संक्रमित व्यक्ति विदेश से आए थे और दोनों व्यक्ति मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए थे.

ऐसे होता है मंकीपॉक्स का उपचार

मंकीपॉक्स के मरीजों को सिस्टमैटिक ट्रीटमेंट दिया जाता है. सामान्यतः बुखार आना इसका प्रमुख लक्षण है. जिसमें मरीज को पैरासिटेमॉल की टैबलेट दी जाती है. यदि त्वचा से जुड़ी समस्या देखी जाती है तो इससे संबंधित इलाज किया जाता है. और उसे त्वचा से जुड़े दवाओं से ठीक किया जाता है. मंकीपॉक्स आम तौर पर 2 से 3 तीन सप्ताह में ठीक हो जाता है.

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