यूपी में रहेंगे पाकिस्तान से आए 63 हिंदू बंगाली परिवार, दी गई 2 एकड़ जमीन और 1 लाख 20 हज़ार रुपये

कानपुर. पाकिस्तान से आए हिंदू बंगाली शरणार्थियों के लिए कानपुर देहात जिले में 63 परिवारों को पुनर्वास के लिए व्यवस्था की जा रही हैं। वही शरणार्थियों को 2 एकड़ किसानी करने योग्य जमीन और निवास के 200 वर्ग मीटर भूमि की देने की व्यवस्था की गई। वही मकान बनवाने के लिए 1 लाख 20 हज़ार रुपये मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत देनी की तैयारियां की शुरू हो गई हैं। 51 साल बाद इन 63 परिवारों को पुनर्वास के लिए सरकार के द्वारा जमीन मकान की व्यवस्था से शरणार्थियों में खुशी देखने को मिल रही है। वही उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अपर मुख्य सचिव राजस्व एवं ग्राम विकास मनोज कुमार सिंह ने कानपुर देहात की तहसील रसूलाबाद क्षेत्र की आवंटन की जाने वाली भूमि का मौके पर जाकर स्थलीय निरीक्षण किया ।

कानपुर. पाकिस्तान से आए हिंदू बंगाली शरणार्थियों के लिए कानपुर देहात जिले में 63 परिवारों को पुनर्वास के लिए व्यवस्था की जा रही हैं। वही शरणार्थियों को 2 एकड़ किसानी करने योग्य जमीन और निवास के 200 वर्ग मीटर भूमि की देने की व्यवस्था की गई। वही मकान बनवाने के लिए 1 लाख 20 हज़ार रुपये मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत देनी की तैयारियां की शुरू हो गई हैं। 51 साल बाद इन 63 परिवारों को पुनर्वास के लिए सरकार के द्वारा जमीन मकान की व्यवस्था से शरणार्थियों में खुशी देखने को मिल रही है। वही उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अपर मुख्य सचिव राजस्व एवं ग्राम विकास मनोज कुमार सिंह ने कानपुर देहात की तहसील रसूलाबाद क्षेत्र की आवंटन की जाने वाली भूमि का मौके पर जाकर स्थलीय निरीक्षण किया ।

पाकिस्तान से 1970 में 400 हिन्दू बंगाली परिवार भारत मे आये थे जिनको पुनर्वास के लिए मदनसूत मिल मेरठ में पुनर्वासित किया गया था। जिसमे शरणार्थियों को रहने के लिए मकान और मिल में नौकरी दी गई थी। जिसके लिए तत्कालीन सरकार ने मिल का विस्तार एवं आधुनिक करने के लिए 90 लाख रुपये दिए थे । करीब 5 साल बाद मिल के बंद हो जाने के बाद 350 परिवारों को सरकार ने बदायू जिले में पुनर्वासित किया था । लेकिन ये 63 परिवारों को अब तक जमीन मकान नही मिल सका था क्यों कि जिस एक्ट के तहत इन परिवारों को पुनर्वासित किया जाना था उसमें बदलाव हो गया था । और पुनर्वास विभाग की समाप्त हो किया गया था । मुख्यमंत्री ने केबिनेट में प्रस्ताव लाकर इन 63 परिवारों को पुनर्वास करने की मंजूरी दे दी थी । मौके पर पहुचे 60 परिवारों के मुखियाओ ने 51 साल बाद अपने भरण पोषण के लिए दी जारही जमीन और मकान की व्यवस्था देख खुश दिखे।

वहीं अपर प्रमुख सचिव मनोज सिंह ने तहसील रसूलाबाद क्षेत्र में स्थित पुनर्वास के लिए आवंटन की जाने वाली जमीन का स्थलीय निरीक्षण किया और बताया कि मकान निर्माण के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 1लाख 20 हज़ार रुपये व मकान के लिए 200 वर्गमीटर जमीन के साथ 2 एकड़ खेती योग्य भूमि दी जाएगी । जमीन आवंटन से पहले प्रत्येक शरणार्थी की जमीन का सीमांकन कर सिंचाई मेड़बंदी और नक्शा आदि की व्यवस्था तेजी से कराई जा रही है। वहीं 51 साल बाद जमीन मकान आदि पाने के बाद शरणार्थी को उत्तर प्रदेश सरकार से और भी तमाम उम्मीदें हैं शरणार्थी स्कूल पार्क बारातसाला बिजली की व्यवस्था समेत सड़क की भी मांग कर रहे है ।

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